शारदीय नवरात्रि की शुरुआत इस बार 3 अक्टूबर 2024 से हो रही है. इस दौरान 9 दिन मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि शुरू होते ही सबसे पहले दिन घट स्थापना (कलश) की जाती है. हिंदू धर्म में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है. कलश को देवी शक्ति का प्रतीक माना जाता है.कलश स्थापना से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सुख समृद्धि और शांति लाता है. आइए आपको बताते हैं कलश स्थापना की विधि
कलश स्थापना के लिए सबसे पहले स्वच्छ एवं पवित्र स्थान का चयन करें,वास्तु के अनुसार कलश स्थापना और माता की पूजा के लिए ईशान कोण सबसे शुभ होता है.उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण कहा जाता है और इसे देवी-देवाताओं की दिशा भी कहते हैं. कलश की स्थापना इस दिशा में करने और माता की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
कलश स्थापना के समय घड़े में चावल, गेहूं, जौ, मूंग, चना, सिक्के, कुछ पत्ते, गंगाजल, नारियल, कुमकुम, रोली डालें और उसके ऊपर नारियल रखें.घड़े के मुंह पर मौली बांधें और कुमकुम से तिलक लगाएं और घड़े को एक चौकी पर स्थापित करें. इस कलश के सामने एक मां की प्रतिमा रखें. फिर पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए. इस प्रकार, कलश स्थापना से सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का संचार होता है.
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
इस साल शारदीय नवरात्र की शुरुआत 3 अक्टूबर 2024 से हो रही है. इसी दिन देवी की आराधना से पहले कलश स्थापना की जाएगी. इस दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. वहीं बात करें अभिजीत मुहूर्त की तो वो सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा.