नई दिल्ली,प्रधानमंत्री पद के लिए नामित नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार सुबह नई दिल्ली पहुंच गए.पिछले साल नवंबर में मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू पहली बार भारत दौरे पर आए हैं.मालदीव के राष्ट्रपति भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के 7 देशों के उन नेताओं में शामिल हैं, जो आज शाम राष्ट्रपति भवन में मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”नरेन्द्र मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू नई दिल्ली पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया.उन्होंने कहा,’भारत और मालदीव समुद्री साझेदार और करीबी पड़ोसी हैं’.
इन देशों के नेता मोदी के शपथ ग्रहण में होंगे शामिल
बांग्लादेश की राष्ट्रपति शेख हसीना और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं.विदेश मंत्रालय के अनुसार, हसीना और अफीफ के अलावा शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले अन्य नेताओं में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’,श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे शामिल हैं.
उसने कहा,’नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नेताओं की यात्रा भारत द्वारा अपनी ‘पड़ोसी पहले’नीति और ‘सागर’ दृष्टिकोण को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुरूप है.भारत, ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की व्यापक नीति रूपरेखा के अंतर्गत हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग कर रहा है.इसने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के अलावा सभी नेता राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में भी शामिल होंगे.
मुइज्जू को निमंत्रण भारत-मालदीव संबंधों के लिहाज से महत्वपूर्ण
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नई दिल्ली द्वारा मुइज्जू को दिया गया निमंत्रण भी भारत और मालदीव के बीच हाल के तनावपूर्ण संबंधों के लिहाज से महत्वपूर्ण है.चीन का समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद पिछले वर्ष नवंबर से भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं.मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद वहां तैनात भारतीय सेना के जवानों को अपने देश वापस जाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद इस महीने की शुरुआत में भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह आम नागरिकों को सुरक्षा में तैनात किया गया था.