नई दिल्ली,भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में लगातार दूसरी बार कामकाज संभाल लिया.वह 2019 से यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.मंत्रालय में प्रभार संभालने से पहले शाह ने चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का दौरा किया और देश की सेवा करते हुए जान न्योछावर करने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी.शाह (59) लोकसभा चुनाव में गांधीनगर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं.शाह सहकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी भी संभालते रहेंगे.
नये कार्यकाल में होंगी यह प्राथमिकता
गृह मंत्री के रूप में नए कार्यकाल में, शाह की तत्काल प्राथमिकता 3 नए अधिनियमित आपराधिक कानूनों-भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को लागू कराना होगी.1 जुलाई से लागू होने वाले ये कानून भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे.देश की आपराधिक न्याय प्रणाली के परिदृश्य को नया आकार देने के उद्देश्य से, शाह ने पिछले साल ये तीन कानून पेश किए थे, जिनका उद्देश्य पुराने औपनिवेशिक काल के कानूनों को बदलना और उन्हें आधुनिक बनाना है.
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
साल 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में, शाह ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू करने सहित प्रमुख नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.शाह को उनकी गहरी सूझबूझ के लिए जाना जाता है.उनका कार्यकाल सक्रियता से निर्णय लेने और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा न्याय प्रणाली को मजबूत करने की प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है, जो भारतीय राजनीति में उनके दीर्घकालिक प्रभाव के उदाहरण हैं.
शाह ने माओवादी हिंसा को कम करने और रणनीतिक शांति समझौतों के माध्यम से पूर्वोत्तर राज्यों में शांति बहाल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद देश में दूसरे सबसे प्रभावशाली व्यक्ति माने जाने वाले शाह को उनकी राजनीतिक सूझबूझ और रणनीतिक कौशल के लिए भी जाना जाता है.