MNS Protest : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Chief Minister Devendra Fadnavis) ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की रैली के लिए पास के मीरा भयंदर में अनुमति दी गई थी जिसमें मनसे नेता हिस्सा लेने वाले थे, लेकिन पार्टी ने रैली के लिए एक खास रास्ते पर जोर दिया जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती थी।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मनसे के ठाणे और पालघर प्रमुख अविनाश जाधव और पार्टी के कई अन्य कार्यकर्ताओं को मंगलवार को ठाणे के मीरा भयंदर इलाके में आयोजित व्यापारियों की रैली से पहले हिरासत में ले लिया। मराठी में बात नहीं करने पर एक ‘फूड स्टॉल’ मालिक को थप्पड़ जड़ने के विरोध में व्यापारियों ने यह रैली आयोजित की थी।
#WATCH | Maharashtra | Police detain MNS workers protesting to counter traders' protest over language row, in Mira Bhayandar area pic.twitter.com/r9F1Rch10D
— ANI (@ANI) July 8, 2025
महाराष्ट्र एकीकरण समिति की रैली
मीरा भयंदर इलाके में महाराष्ट्र एकीकरण समिति ने रैली का प्रस्ताव रखा था। फडणवीस ने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में पत्रकारों से कहा, रैली आयोजित करने का कोई विरोध नहीं है। जिस मार्ग के लिए अनुमति मांगी गई थी उसके लिए मंजूरी देना मुश्किल था। पुलिस ने उनसे मार्ग बदलने का अनुरोध किया, लेकिन आयोजक एक खास मार्ग पर रैली आयोजित करने पर अड़े रहे।
उन्होंने कहा, इससे यातायात बाधित हो सकता है या भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसी स्थिति में पुलिस समझाने और वैकल्पिक मार्ग देने की कोशिश करती है। हम लोकतंत्र में हैं, हर किसी को रैली करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, अगर वे उचित मार्ग के लिए अनुमति मांगते हैं, तो हम आज और कल भी अनुमति देंगे। एक अन्य संगठन ने पुलिस द्वारा अनुमोदित मार्ग से रैली निकाली, लेकिन ये लोग एक खास मार्ग पर अड़े रहे।
ठाणे में मीरा रोड को नए राजनीतिक प्रयोगों के परीक्षण स्थल के रूप में इस्तेमाल किए जाने के दावों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठी लोगों का दिल बहुत बड़ा होता है। उन्होंने कहा, देश पर हमलों के दौरान मराठी लोगों ने देश की चिंता की और स्वार्थी नहीं बने रहे। मराठी लोगों की सोच सतही नहीं हो सकती।
घटनाक्रम का जिक्र करते हुए फडणवीस ने कहा कि सोमवार देर रात को जनसभा आयोजित करने के लिए अनुमति मांगी गई थी, जो मिल भी गई। उन्होंने कहा, लेकिन जब रैली की बात आई तो वे एक खास मार्ग पर जोर दे रहे थे। अगर अनुमति दी जाती तो कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती थी। पिछले कई साल से हम सभी रैलियां आयोजित कर रहे हैं और ये हमेशा पुलिस से सलाह-मशविरा करने के बाद ही की जाती हैं।