Wednesday, January 22, 2025
HomeऑटोमोबाइलMercedes-Benz भारत में और अधिक संख्या में असेंबल करेगी इलेक्ट्रिक वाहन,ग्राहकों को...

Mercedes-Benz भारत में और अधिक संख्या में असेंबल करेगी इलेक्ट्रिक वाहन,ग्राहकों को मिलेगा ये फायदा

नई दिल्ली, जर्मनी की लक्जरी कार बनाने वाली कंपनी मर्सिडीज-बेंज न केवल लागत लाभ हासिल करने बल्कि शून्य उत्सर्जन वाले परिवहन और कार्बन निरपेक्षता लक्ष्यों को हासिल करने के लिए देश में अपने संयंत्र में अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को असेंबल करने की तैयारी कर रही है.कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

चाकन संयंत्र में असेंबल होती है इलेक्ट्रिक कार

मर्सिडीज-बेंज इंडिया फिलहाल अपने चाकन संयंत्र में अपनी प्रमुख इलेक्ट्रिक लक्जरी सेडान EQS को असेंबल करती है.कंपनी मांग के आधार पर अन्य मॉडल के स्थानीयकरण पर भी विचार कर रही है.

मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने कहा,”हमारा अंतिम लक्ष्य शून्य उत्सर्जन वाला परिवहन और कार्बन निरपेक्षता है.इसका मतलब न केवल ईंधन उत्सर्जन को कम करने से है, बल्कि कारों के ‘पुनर्चक्रण’ से भी है. हम कारों के उत्पादन से होने वाले कॉर्बन उत्सर्जन को भी कम करना चाहते हैं.”

उन्होंने आगे कहा,”हमें इसे समग्र रूप से देखना होगा.इसलिए ईवी का उत्पादन तार्किक कदम है और हम बाजार की मांग में बदलाव के साथ उस दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे.”अय्यर से भारत में स्थानीय स्तर पर ईवी को असेंबल करने की दीर्घावधि की योजनाओं के बारे में पूछा गया था.

ईक्यूएस मॉडल होता है भारत में असेंबल

मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने अक्टूबर, 2022 से चाकन संयंत्र में ईक्यूएस को असेंबल करना शुरू किया था.यह भारत में बिकने वाले 4 ईवी मॉडल-एसयूवी ईक्यूए, ईक्यूबी और ईक्यूई और सेडान ईक्यूएस में स्थानीय स्तर पर असेंबल किया जाने वाला एकमात्र मॉडल है. इनकी कीमत 66 लाख रुपये से 1.6 करोड़ रुपये के बीच है.

स्थानीय स्तर पर असेंबल होने से होगा ये फायदा

वाहनों को स्थानीय स्तर पर असेंबल करने के लाभ को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा,”मुझे लगता है कि स्थानीयकरण हमें कुछ लागत लाभ लाने में मदद करता है.आज अगर आप देखें तो एक ईक्यूएस लगभग 1.5 करोड़ रुपये में उपलब्ध है, जो अन्यथा थोड़ा अधिक महंगी होती.तो यह वास्तव में मदद करता है.”

उन्होंने कहा कि लागत लाभ के अलावा इससे हमें ईवी के बारे में अधिक जानने का मौका मिलता है.आज हम उसी लाइन पर ईवी का उत्पादन कर रहे हैं, जहां परंपरागत ईंधन वाले वाहनों का उत्पादन होता है.

Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
समाचारों की दुनिया में सटीकता और निष्पक्षता के साथ नई कहानियों को प्रस्तुत करने वाला एक समर्पित लेखक। समाज को जागरूक और सूचित रखने के लिए प्रतिबद्ध।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments