मुंबई: मराठा आरक्षण विधेयक एकमत से महाराष्ट्र विधानसभा से पास हो गया.इसमें मराठा समुदाय के लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी का आरक्षण मिलेगा.विधानसभा के विशेष सत्र में यह विधेयक सर्वसम्मति से पास हो गया. वहीं मराठा आरक्षण विधेयक विधानसभा से पारित होते ही लोग जश्न मनाने लगे. महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर भी लोग ढोल मंजीरे के साथ जश्न मनाते हुए नजर आए.महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि विपक्षी दलों की भी यही राय है कि मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाए.
मराठों को 10 प्रतिशत आरक्षण
इस विधेयक का उद्देश्य मराठों को 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा से ऊपर जाकर 10 प्रतिशत स्वत्रंत आरक्षण देना है.मुख्यमंत्री अब इस बिल को मंजूरी के लिए विधान परिषद में पेश करेंगे, जिसके बाद यह कानून बन जाएगा.यह विधेयक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट पर आधारित है. रिपोर्ट में मराठा समुदाय को दस फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश की गई है.
मराठा आरक्षण बिल की प्रमुख बातें
1.मराठा समाज की सरकारी नौकरियों और शिक्षा में भागीदारी कम है, इसलिए उनको पर्याप्त भागीदारी देने की जरूरत है.
2.इसलिए मराठा समाज को सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़ा घोषित करते हैं.
3.सर्वे की रिपोर्ट से ये पता चलता है कि मराठा समाज सामाजिक दृष्टि से पिछड़ा हुआ है.
4.रिपोर्ट के अध्ययन से ये भी पता चलता है कि सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक दृष्टि से मराठा समुदाय की पहचान निम्नतम है.
5.मराठा समाज की जनसंख्या राज्य की कुल जनसंख्या की 28 फीसदी है.
6.कुल 52 फीसदी आरक्षण में कई बड़ी जातियां और वर्ग पहले से शामिल हैं, ऐसे में 28 फीसदी जनसंख्या वाले समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग में रखना असमानता होगी. इसलिए इस समाज को अलग से आरक्षण देने की ज़रूरत है.