पटना, बिहार पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात होने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला बनी मानवी मधु कश्यप ने कहा कि यह उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है.मानवी मधु कश्यप ने पुलिस में उपनिरीक्षक पद के लिए बिहार पुलिस अधीनस्थ चयन आयोग (बीपीएसएससी) की परीक्षा उत्तीर्ण की है.BPSSC द्वारा मंगलवार को उपनिरीक्षक परीक्षा के परिणामों की घोषणा की गई.
”यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है”
मानवी मधु सहित 3 ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों ने पहली बार यह परीक्षा उत्तीर्ण की.बिहार के बांका जिले के एक छोटे से गांव से आने वाली मधु ने पीटीआई वीडियो सेवा को बताया,”यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है.मैं हर उस व्यक्ति के लिए अविश्वसनीय रूप से आभारी हूं जिन्होंने सफलता पाने में सहयोग किया.मैं अपनी भावना को शब्दों में बयां नहीं कर सकती.मैं रेशमा मैडम (एक जानी-मानी ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता) और अपने शिक्षक रहमान सर की आभारी हूं.क्योंकि आज मैं जो कुछ भी हूं, वह सब उन्हीं की वजह से हूं.”
”मेरी सफलता का मार्ग चुनौतियों से भरा था”
मधु ने कहा,”मेरी सफलता का मार्ग चुनौतियों से भरा था.खासकर एक ट्रांसजेंडर महिला के रूप में मेरी पहचान के कारण.मुझे कई बाधाओं और भेदभाव का सामना करना पड़ा.ट्रांसजेंडर समुदाय की बेहतरी के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है.”उन्होंने कहा कि पहले दक्षिणी राज्यों में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को पुलिस की नौकरियों में चुना जाता था.
”मैं पुलिस की वर्दी में अपने गांव जाकर यह संदेश देना चाहती हूं”
मधु ने कहा, ‘मैं यह भी कहना चाहूंगी कि आने वाले दिनों में हमारे समुदाय के लोगों को बेहतर अवसर मिलेंगे.अगर हमारे समुदाय को पर्याप्त अवसर दिए जाएं, तो हम समाज के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं.मैं पुलिस की वर्दी में अपने गांव जाकर यह संदेश देना चाहती हूं कि कड़ी मेहनत और लगन से कोई भी कुछ हासिल कर सकता है.’2011 की जनगणना के अनुसार,बिहार में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की कुल आबादी 40,827 है
बिहार पुलिस में उपनिरीक्षक के लिए मानवी मधु कश्यप के चयन पर टिप्पणी करते हुए प्रसिद्ध ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता और बिहार स्थित गैर सरकारी संगठन ‘दोस्तानासफर’की संस्थापक सचिव रेशमा प्रसाद ने कहा, ‘बेशक, यह ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए जश्न का विषय है.लेकिन, मैं यह जरूर कहना चाहूंगी कि इसी पद के लिए चुने गए अन्य 2 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आगे आकर समुदाय की बेहतरी के लिए अपनी आवाज उठानी चाहिए.’