मणिपुर। मणिपुर में वायरल एक वीडियो में एक व्यक्ति को कथित तौर पर जलाते हुए दिखाया गया है, जिसे लेकर सोमवार को सरकार ने इस मामले की CBI जांच की सिफारिश करते हुए कहा कि यह मामला उस घटना से जुड़ा है, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया था। वीडियो सामने आने के बाद एक आदिवासी संगठन ने इस घटना की निंदा की है।
माना जा रहा है कि जलते हुए व्यक्ति का वीडियो चार मई का है और इसी दिन भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया था। महिलाओं के साथ हुई इस बर्बर घटना का वीडियो जुलाई में सामने आने के बाद देश भर में आक्रोश फैल गया था। मणिपुर में जातीय संघर्ष तीन मई को शुरू हुआ था। सोशल मीडिया मंचों पर रविवार को कई उपयोगकर्ताओं द्वारा साझा किए गए सात सेकेंड के वीडियो में एक मृत व्यक्ति को जलाते हुए दिखाया गया है, जबकि पृष्ठभूमि में स्थानीय भाषा में बोल रहे लोगों की आवाजें और गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है।
सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा हमने घटना की पुष्टि की है और पता चला है कि यह चार मई को हुई थी। शव की पहचान कर ली गई है और उसे अस्पताल में रखवाया गया है। यह मामला दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना से जुड़ा है। सिंह ने बताया कि मृतक कांगपोकपी जिले के एक गांव का निवासी है। हालांकि, उन्होंने घटनास्थल के बारे में कोई विवरण साझा नहीं किया। पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने सिफारिश की है कि मामला सीबीआई को सौंप दिया जाए, जो पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के कई मामलों की जांच कर रही है। केंद्रीय एजेंसी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना की भी जांच कर रही है।
चुराचांदपुर के जनजाति समूह ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) ने सोमवार को इस चौंकाने वाली और बर्बर घटना की निंदा करते हुए कहा न्याय का चयनात्मक इस्तेमाल एक अलग प्रशासन की हमारी मांग को और मजबूत करता है। आईटीएलएफ एक अलग प्रशासन के लिए अपनी मांग दोहराता है।