इंफाल। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में बुधवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी इकट्ठे हुए और तोरबुंग में अपने घरों तक पहुंचने के प्रयास में सेना के बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। अधिकारियों ने बताया कि इलाके में तनाव व्याप्त है और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ), असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस के जवानों ने स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और फायरिंग की।
अधिकारियों के मुताबिक, हालांकि प्रदर्शनकारी मौके पर डटे हुए हैं और उन्हें जिले के तोरबुंग इलाके में जाने की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं। मई की शुरुआत में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद ये लोग तोरबुंग से विस्थापित हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के पांचों घाटी जिलों में एहतियाती उपाय के तौर पर मंगलवार शाम से एक बार फिर पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया था। उन्होंने कहा कि चुराचांदपुर से कुछ किलोमीटर दूर बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में ‘कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रिटी’ (सीओसीओएमआई) और उसकी महिला इकाई द्वारा बुधवार को सभी घाटी जिलों के लोगों से सेना के बैरिकेड को हटाने के आह्वान के मद्देनजर बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल वेस्ट और इंफाल ईस्ट में कर्फ्यू के समय में दी गई ढील समाप्त कर दी गई है। इन जिलों में रोजाना सुबह 5 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी।
जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में राज्य के सूचना एवं जन संचार मंत्री सपम रंजन ने कहा, ‘‘सरकार ने सीओसीओएमआई से 6 सितंबर को तोरबुंग के पास फौगाकचाओ इखाई में सेना के बैरिकेड पर धावा बोलने की प्रस्तावित योजना को वापस लेने की अपील की है।’’ सपम ने सभी से ‘‘सरकार द्वारा उठाए गए सुरक्षा कदमों का समर्थन करने’’ का भी अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य, बिजली, पीएचईडी, पेट्रोल पंप, स्कूल/कॉलेज, नगर पालिका, मीडिया और अदालत जैसी आवश्यक सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों और हवाई यात्रियों को कर्फ्यू के दौरान आवाजाही की छूट दी जाएगी। सीओसीओएमआई के मीडिया समन्वयक सोमेंद्रो थोकचोम ने कहा कि समिति ने पहले सरकार और संबंधित अधिकारियों से 30 अगस्त तक बैरिकेड हटाने का आग्रह किया था।