रांची। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कुमार अंजान ने आरोप लगाया कि मणिपुर जातीय संघर्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। भाजपा ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि वामपंथियों को दूसरों को लोकतंत्र का उपदेश देने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के लिए रांची आए अंजान ने संवाददाताओं से कहा जब मणिपुर जल रहा था, भाजपा नेता कर्नाटक में वोट मांगने में व्यस्त थे। उन्होंने कहा कि केवल 31 लाख की आबादी वाले मणिपुर में लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। राज्य में जो कुछ हुआ है उसके बाद एन बीरेन सिंह को मणिपुर का मुख्यमंत्री क्यों बने रहना चाहिए। अंजान के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा जो वामपंथी दल केरल में राजनीतिक हत्याओं में शामिल हैं, वे दूसरों को लोकतंत्र का उपदेश दे रहे हैं। यह हास्यास्पद है। मैं भाकपा नेता से पूछना चाहता हूं कि उनकी पार्टी झारखंड में आदिवासियों के बलात्कार, उन पर हमले और हत्या पर चुप क्यों है।
आपको बता दें मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।