महाकुंभ में महामंडलेश्वर बनाई गई बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े निष्कासित कर दिया है. उनको महामंडलेश्वर बनाने के बाद से ही विवाद खड़ा हो गया था और इस फैसले पर तमाम लोगों ने आपत्ति भी जताई थी. अब किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया है. साथ ही किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी पदमुक्त कर दिया है. इसको लेकर एक पत्री भी जारी किया है. हालांकि आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने उन पर की गई कार्रवाई को अनुचित बताया है. उनका कहना है कि अजय दास किसी पद पर नहीं हैं. उन्हें पहले ही अखाड़े से निकाला जा चुका है. वह किस हैसियत से कार्रवाई कर सकते हैं.
नए सिरे से किन्नर अखाड़े के पुनर्गठन का ऐलान
अजय दास ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया हैं, साथ ही शुक्रवार को ऐलान किया कि अब नए सिरे से किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन होगा. जल्द ही नए आचार्य महामंडलेश्वर का ऐलान होगा. बता दें कि ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में पिंडदान किया और संन्यास की दीक्षा ली थी. किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी. पट्टाभिषेक के बाद ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई और उनको नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरी रखा गया था. लेकिन उनको महामंडलेश्वर बनाने के बाद से ही विवाद जारी था कि एक स्त्री को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया है.
ऋषि अजयदास ने पत्र में क्या लिखा ?
ऋषि अजय दास की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि वर्ष 2015-16 में उज्जैन के कुंभ में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर पद पर नियुक्ति किया गया था. जिस उद्देश्य को लेकर पदवी दी गई थी. उससे वह भटक गए हैं. इसीलिए उनको पदमुक्त किया जा रहा है. शीघ्र ही उन्हें इसकी लिखित सूचना दे दी जाएगी.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कही ये बात
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने किन्नर अखाड़े से महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी के निष्कासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि ”मैं पूछना चाहता हूं कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को बाहर निकालने वाले वह (ऋषि अजय दास) कौन हैं. सभी 13 अखाड़ों ने उनका समर्थन किया है. जिन्होंने उन्हें निष्कासित किया है, मैं उससे पूछना चाहता हूं कि वह कौन है? मैंने पहली बार उनका नाम सुना है – जो किन्नर अखाड़े का संस्थापक होने का दावा कर रहे हैं. हम लक्ष्मी नारायण के साथ हैं. क्यों कि हम उन्हें ही जानते हैं. वैराग्य जीवन के किसी भी चरण में और किसी को भी हो सकता है. अगर ममता कुलकर्णी स्वेच्छा से किन्नर अखाड़े में शामिल होना चाहती हैं – तो किसी को इससे कोई दिक्कत क्यों होनी चाहिए? हम ममता कुलकर्णी के साथ हैं? वे दोनों बसंत पंचमी पर जूना अखाड़े के साथ पवित्र स्नान करेंगे.”