Sadhvi Pragya Singh Thakur: मालेगांव बम विस्फोट मामले में बरी की गईं बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने रविवार को कहा कि अदालत का फैसला हिन्दुत्व की जीत और ‘भगवा आतंकवाद’ कहने वालों के मुंह पर करारा तमाचा है.
#WATCH | 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में NIA कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को बरी करने पर, भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, "…भगवा आतंकवाद कहने वालों के मुंह काले हुए हैं। समाज और देश ने उन्हें ठोस जवाब दिया है। अदालत का फैसला बिल्कुल स्पष्ट है। यह उन लोगों के मुंह… pic.twitter.com/1cs7V2vZE6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 3, 2025
अदालत के फैसले के बाद पहली बार भोपाल पहुंचीं ठाकुर ने यहां राजा भोज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘यह हिन्दुत्व और धर्म की विजय है, भगवा की विजय है. हमारे शास्त्रों में कहा गया है सत्यमेव जयते, यह सिद्ध हुआ है. भगवा आतंकवाद कहने वालों के मुंह काले हुए हैं. उनको समाज ने और देश ने बहुत अच्छे से जवाब दिया है. अदालत का निर्णय स्पष्ट है और वह विरोधियों तथा भगवा आतंकवाद कहने वालों के मुंह पर तमाचा है.’
#WATCH | 2008 मालेगांव विस्फोट मामला | भोपाल: भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, "मुझसे बहुत बड़े-बड़े लोगों के नाम जबरदस्ती बोलने के लिए कहा गया, जो मैंने नहीं लिए। उनके अनुसार मैंने काम नहीं किया इसलिए मुझे प्रताड़ित किया गया। उन नामों में विशेष तौर पर मोहन भागवत, राम… https://t.co/10O3M0dcKn pic.twitter.com/3ofOoIjfg1
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मैनें दबाव में किसी का झूठा नाम नहीं लिया: साध्वी प्रज्ञा
साध्वी प्रज्ञा ने एक बार फिर वह आरोप दोहराया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि जांच अधिकारियों ने उन्हें प्रताड़ित किया और उन पर कई लोगों के नाम लेने का दबाव बनाया गया. उन्होंने कहा, ‘दबाव था लेकिन मैं इसमें आई नहीं. मैंने किसी का भी झूठा नाम नहीं लिया. इसलिए मुझे इतना प्रताड़ित किया गया.
#WATCH | 2008 मालेगांव विस्फोट मामला | 'पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ का नाम लेने के लिए मजबूर किया गया' के अपने दावे पर, भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, "हां, मुझे मजबूर किया गया था। मैं दबाव में नहीं आई और मैंने किसी का भी नाम नहीं लिया, किसी को झूठा नहीं… pic.twitter.com/x0YKc5NgEN
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ठाकुर ने शनिवार को मुंबई में दावा किया था कि जांच अधिकारियों ने उन्हें प्रताड़ित किया था और उनसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई लोगों के नाम लेने को कहा था. ऐसा पहली बार है जब ठाकुर ने यह सनसनीखेज दावा किया, जिसका NIA की विशेष अदालत के 1036 पृष्ठों के फैसले में कोई उल्लेख नहीं है.
अदालत ने प्रताड़ना के आरोपों को किया खारिज
ठाकुर शनिवार को कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के लिए सत्र अदालत में पेश हुईं. अदालत के बाहर पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने दावा किया कि पूछताछ के दौरान उन्हें प्रताड़ित किया गया था. विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने अपने फैसले में ठाकुर के यातना और दुर्व्यवहार के दावों को खारिज किया है.
विशेष मामले में 7 आरोपियों को किया बरी
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए विस्फोट में 6 लोग मारे गए थे और 101 घायल हो गए थे. विशेष अदालत ने ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सातों आरोपियों को 30 जुलाई को बरी करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ कोई ‘विश्वसनीय और ठोस सबूत’ नहीं हैं.