Maharashtra News : पुणे। महाराष्ट्र एटीएस ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर जुबैर हंगरगेकर को एक बार फिर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। अदालत ने उसे पहले न्यायिक हिरासत में भेजा था। हालांकि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत ने तीन जनवरी तक उसे आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की हिरासत में भेज दिया है।
एक अधिकारी ने बताया, एटीएस ने बुधवार को हंगरगेकर को अपनी हिरासत में लिया। अदालत ने उसे तीन जनवरी तक एटीएस की हिरासत में भेज दिया है। संप्रग के तहत पुलिस आतंकवाद के मामलों में गिरफ्तार व्यक्ति को अदालत की अनुमति से अधिकतम 30 दिन तक पूछताछ के लिए हिरासत में रख सकती है।

हंगरगेकर का पाकिस्तान से जुड़ा है कनेक्शन, जांच में मिला अहम सबूत
हंगरगेकर (37) को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से कथित संबंधों के आरोप में 27 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। अधिकारी ने बताया, गिरफ्तारी के बाद अदालत ने हंगरगेकर को 18 दिनों के लिए एटीएस की हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद, पिछले महीने जांच एजेंसी ने उसे न्यायिक हिरासत भेजने का अनुरोध किया जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया, परंतु पुलिस हिरासत का अधिकार भी सुरक्षित था। इसलिए, एटीएस की हिरासत की शेष अवधि बाकी थी। उन्होंने बताया कि अदालत ने हंगरगेकर को एक बार फिर एटीएस की हिरासत में भेज दिया है।
एटीएस ने इससे पहले अदालत को सूचित किया था कि जांच के दौरान, उसे हंगरगेकर के पुराने फोन में एक पाकिस्तानी फोन नंबर मिला है। इससे पहले एटीएस ने पुणे की एक अदालत को सूचित किया था कि हंगरगेकर कथित तौर पर शहर के कोंढवा इलाके में ‘‘आक्रामक’’ तरीके से धार्मिक प्रवचन दिया करता था।




