Wednesday, January 15, 2025
Homeउत्तरप्रदेश (UP)MahaKumbh 2025: कड़ाके की ठंड के बावजूद कम नहीं हो रहा श्रद्धालुओं...

MahaKumbh 2025: कड़ाके की ठंड के बावजूद कम नहीं हो रहा श्रद्धालुओं का उत्साह, बोले-यह अद्भुत पल

महाकुम्भ नगर (उप्र)। कड़ाके की ठंड के बावजूद जोश और उत्साह से लबरेज श्रद्धालुओं ने बुधवार को महाकुम्भ में त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाई. ‘हर हर महादेव’, ‘जय श्री राम’ और ‘जय गंगा मैया’ के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालुओं ने संगम पर स्नान किया.

श्रद्धालुओं ने की व्यवस्थाओं की तारीफ

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के निवासी 62 वर्षीय निबर चौधरी ने कहा, ”मैंने पहली बार संगम में डुबकी लगाई है. डुबकी लगाने के बाद वास्तव में एक दम तरोताजा महसूस हुआ. चौधरी के साथ आए शिवराम वर्मा ने कहा कि उनका अनुभव अच्छा रहा और यहां प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था की है.
पहली बार यहां आईं लखनऊ निवासी नैंसी भी यहां की व्यवस्था को देखकर संतुष्ट नजर आईं. उन्होंने कहा, ”महाकुम्भ में अब तक मेरा अनुभव अच्छा रहा है.”

पड़ोसी जिले फतेहपुर के निवासी अभिषेक ने कहा, ”कुल मिलाकर अनुभव अच्छा रहा. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. कानपुर निवासी विजय कठेरिया ने महाकुम्भ में किए गए सुरक्षा इंतजाम की सराहना की. उन्होंने कहा, ”श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं और सुरक्षा के लिहाज से पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था की गई है.”

मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

बुधवार को कोई स्नान पर्व नहीं रहने के बावजूद देश और विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुम्भ में शामिल होने के लिए संगम के पास एकत्रित होकर स्नान कर रहे हैं. इससे पहले मंगलवार को विभिन्न अखाड़ों के संतों ने मकर संक्रांति के अवसर पर महाकुम्भ में पहला अमृत स्नान किया. मकर संक्रांति पर त्रिवेणी संगम में करीब 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि भालेबाजी और तलवारबाजी से लेकर पूरे जोश में ‘डमरू’ बजाने तक, उनके प्रदर्शन सदियों पुरानी परंपराओं का जीवंत उदाहरण थे. पुरुष नागा साधुओं के अलावा, महिला नागा संन्यासी भी बड़ी संख्या में मौजूद रहीं.

बुधवार को घाट पर मौजूद कौशांबी के निवास महेश पासी ने अपने भाई और अन्य परिजनों के साथ गंगा में डुबकी लगाई. महेश ने कहा कि उनके परिवार ने मौसम अधिक ठंडा होने के कारण मकर संक्रांति के बाद यहां आने का फैसला किया. महेश ने कहा कि उनके परिवार में बच्चे पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति पर संगम में डुबकी लगाना चाहते थे, लेकिन बुजुर्गों ने सलाह दी कि इतनी ठंड में वहां रहने से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं और भारी भीड़ में वे बिछड़ सकते हैं, इसलिए यह निर्णय किया गया कि मकर संक्रांति के बाद महाकुम्भ में चला जाए. महाकुम्भ मेला 26 फरवरी तक चलेगा.

Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
समाचारों की दुनिया में सटीकता और निष्पक्षता के साथ नई कहानियों को प्रस्तुत करने वाला एक समर्पित लेखक। समाज को जागरूक और सूचित रखने के लिए प्रतिबद्ध।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments