Monday, July 14, 2025
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Maha kumbh 2025 Last Snan: महाशिवरात्रि पर महाकुंभ में उमड़ रहा आस्था का सैलाब, 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी

Maha kumbh Last Snan: महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकुंभ 2025 का अंतिम स्नान बुधवार को प्रारंभ हुआ, जिसमें सुबह 8 बजे तक 60 लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा और संगम में डुबकी लगा चुके थे। अब तक कुल 65.37 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया है, और यह आंकड़ा 66 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।

Maha kumbh Last Snan: महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व बुधवार को ‘हर हर महादेव’ के घोष के साथ प्रारंभ हो गया. बुधवार तड़के से ही श्रद्धालुओं का गंगा और संगम में डुबकी लगाना जारी है. इस बीच, सरकार ने श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की. अधिकारियों ने बताया कि सुबह 8 बजे तक 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई. इस तरह से महाकुंभ में अब तक 65.37 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा और संगम में डुबकी लगा चुके हैं और शाम तक यह आंकड़ा 66 करोड़ को पार करने की संभावना है.

सीएम योगी ने दी महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाशिवरात्रि पर लोगों को बधाई देते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”महाकुंभ 2025, प्रयागराज में भगवान भोलेनाथ की उपासना को समर्पित महाशिवरात्रि के पावन स्नान पर्व पर आज त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पधारे सभी पूज्य साधु संतों एवं श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन.” उन्होंने कहा, ”त्रिभुवनपति भगवान शिव और पुण्य सलिला मां गंगा सभी का कल्याण करें, यही प्रार्थना है. हर हर महादेव.”

सीएम योगी सुबह से ही कर रहे निगरानी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व पर तड़के 4 बजे से ही व्यवस्थाओं को देखने के लिए नियंत्रण कक्ष में पहुंच गए. गोरखपुर प्रवास के चलते उनके लिए गोरखनाथ मंदिर में ही नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जहां वह स्नान पर्व पर पल-पल की निगरानी करते नजर आए. सरकारी बयान के मुताबिक, इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बसंत पंचमी और माघ पूर्णिमा अमृत स्नान के अवसर पर भी प्रातः से ‘वॉर रूम’ में अधिकारियों के साथ बैठक की थी और स्थिति पर नजर रखी थी.

45 दिनों तक चला महाकुंभ

प्रत्येक 12 वर्ष में आयोजित होने वाले महाकुंभ में पहला स्नान पर्व 13 जनवरी को शुरू हुआ और महाशिवरात्रि पर ब्रह्म मुहूर्त से ही देश के कोने कोने से श्रद्धालु महाकुंभ में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं.

हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, समुद्र मंथन में भगवान शिव ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे समुद्र मंथन से अमृत कलश निकला और इसकी बूंदें जहां जहां गिरी, वहां वहां कुंभ मेले का आयोजन होता है.

महाकुंभ मेले के छह स्नान पर्वों में तीन स्नान पर्व अमृत स्नान के थे और ये 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर संपन्न हुए तथा सभी 13 अखाड़े अमृत स्नान करके मेले से विदा हो चुके हैं.

महाशिवरात्रि पर मेला क्षेत्र में नो व्हीकल जोन

महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मेला और जिला प्रशासन ने महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर ही जिले और मेला क्षेत्र में ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित कर दिया. उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) (कुंभ) वैभव कृष्ण ने बताया, ”हमने श्रद्धालुओं की भीड़ संभालने के लिए मेला क्षेत्र में 5 प्रमुख शिवालयों पर व्यापक बंदोबस्त किए हैं. हमें मंगलवार की तुलना में बुधवार को कहीं अधिक भीड़ होने की संभावना है.”

Premanshu Chaturvedi
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