MP SIR : इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने आगामी शहरी निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम पर रोक लगाने की गुहार वाली एक कांग्रेस नेता की याचिका पर सोमवार को राज्य सरकार, राज्य निर्वाचन आयोग और अन्य प्रतिवादियों से संक्षिप्त जवाब मांगा। याचिकाकर्ता के एक वकील ने यह जानकारी दी।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब
शहर में कांग्रेस के निर्वाचन कार्य विभाग के प्रभारी और पूर्व पार्षद दिलीप कौशल के वकील जयेश गुरनानी ने संवाददाताओं को बताया कि उनके मुवक्किल ने शहरी निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम की कथित विसंगतियों को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। उन्होंने बताया,‘‘याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार, राज्य निर्वाचन आयोग, इंदौर के जिला निर्वाचन अधिकारी और शहर के सभी क्षेत्रों के मतदाता पंजीयन अधिकारियों से संक्षिप्त जवाब मांगा है।’

याचिका पर अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 26 नवंबर की तारीख तय की है। गुरनानी ने बताया कि कांग्रेस नेता की याचिका में मध्यप्रदेश नगरपालिका निर्वाचन नियम 1994 के उप नियमों को ‘त्रुटिपूर्ण’ करार दिया गया है। याचिका में मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान जोड़े और घटाए जाने वाले मतदाताओं के आवेदनों को सार्वजनिक नहीं किए जाने, अपात्र कर्मचारियों को बूथस्तरीय अधिकारी (बीएलओ) बनाए जाने और इंदौर नगर निगम क्षेत्र में कथित भवन क्रमांक ‘शून्य’ पर बड़ी तादाद में मतदाताओं के नाम दर्ज होने के आरोप शामिल हैं। गुरनानी ने बताया,‘‘याचिका में उच्च न्यायालय से गुहार लगायी गयी है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम पर रोक लगाई जाए और प्रतिवादियों को निर्देश दिए जाएं कि वे याचिका का निपटारा होने तक अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन न करें।’




