नई दिल्ली, साल के 365 दिनों में कई खास और अनोखे दिन होते हैं, लेकिन 29 फरवरी की बात अलग है.यह दिन हर 4 साल में एक बार आता है और इसे लीप वर्ष कहा जाता है, जिससे साल की दिनों की संख्या 366 हो जाती है.कुछ लोगों के लिए यह दिन उदासी का कारण है, क्योंकि इस दिन पैदा होने वाले लोगों को अपना जन्मदिन मनाने के लिए 4 साल इंतजार करना पड़ता है.भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई भी ऐसे ही लोगों में शुमार हैं.
क्यों मनाते हैं लीप ईयर
दरअसल, हमारी पृथ्वी सूर्य की चक्कर लगाता है। जिसमें 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड का समय लगता है। इस तरह से हर साल 0.25 जुड़ते जुड़ते चार साल में एक पूरा दिन बन जाता है.यह अतिरिक्त दिन फरवरी महीने में जोड़ दिया जाता है, जिससे यह एक लीप वर्ष बन जाता है.
इतिहास में 29 फरवरी की तारीख पर कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं:-
1796: अमेरिका और ग्रेट ब्रिटेन के बीच जेय संधि लागू होने से दोनों देशों के बीच 10 साल तक शांतिपूर्ण व्यापार संभव हुआ.
1840: आधुनिक पनडुब्बी के जनक आयरिश अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन फिलिप हॉलैंड का जन्म.
1896: भारत के छठे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जन्म.
1940: गॉन विद द विंड में मैमी की भूमिका के लिए, हैटी मैकडैनियल ने अकादमी पुरस्कार जीता, जो एक अफ्रीकी अमेरिकी के लिए पहला पुरस्कार था.
1952: पैदल चलने वालों के लिए सड़क पार करने संबंधी निर्देश पहली बार टाइम्स स्क्वेयर के 44 वीं स्ट्रीट और ब्रॉडवे में लगाए गए.
1960: मोरक्को के दक्षिणी शहर अगादीर में आए भीषण भूकंप में हज़ारों लोगों की मौत, जिसकी तीव्रता 6.7 आंकी गई.
1996: बोस्निया की राजधानी सरायेवो की घेराबंदी ख़त्म हो गई, जो चार साल के खूनखराबे, गोलीबारी और हमलों के बाद हुई थी.
2012: टोक्यो स्काईट्री, जो दुनिया की सबसे ऊंची मीनार और दूसरी सबसे ऊंची संरचना है का निर्माण पूरा हुआ.”