लाहौर, पाकिस्तान की सांस्कृतिक राजधानी लाहौर में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते हालात बिगड़ गए हैं. शनिवार यानि 2 नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर 1900 तक पहुंच गया था. प्रदूषण का इस तरह से बढ़ता स्तर लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का सबब बन गया है.
प्राथमिक स्कूल एक सप्ताह के लिए बंद
वायु गुणवत्ता की खतरनाक स्थिति के कारण अधिकारियों ने सोमवार को प्राथमिक स्कूलों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया. यह कदम 1.4 करोड़ की आबादी वाले शहर में बच्चों को श्वसन संबंधी और अन्य बीमारियों से बचाने के बड़े प्रयास के तहत उठाया गया है. बता दें कि भारत की सीमा से लगते पूर्वी पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में पिछले महीने से ही वायु गुणवत्ता खराब होने लगी थी और विषैले धुएं से मुख्य रूप से बच्चे और बुजुर्गों समेत हजारों लोग बीमार होने लगे थे.
सरकार ने निर्माण कार्यों पर लगाई रोक
सरकार ने कुछ इलाकों में निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी है और धुआं छोड़ने वाले वाहनों के मालिकों पर जुर्माना लगाया है. सरकारी अधिसूचना के अनुसार, प्रदूषण के कारण स्कूल एक सप्ताह तक बंद रहेंगे. पंजाब पर्यावरण संरक्षण विभाग ने बताया कि हवा में प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 की सांद्रता 450 के करीब पहुंच गई है, जिसे खतरनाक माना जाता है.
प्रदूषण के लिए भारत को ठहराया जिम्मेदार
मंत्री मरियम औरंगजेब ने बढ़ते प्रदूषण के लिए भारत से आ रही हवाओं को जिम्मेदार ठहराया है, उन्होंने कहा, ‘भारत से लाहौर की ओर आ रही हवा प्रदूषण के स्तर को खतरनाक स्तर तक ले जा रही है. अभी एक हफ्ते तक इसमें सुधार की उम्मीद नहीं है, ऐसे में बुजुर्गों और बच्चों को खासतौर से सावधान रहने की जरूरत है. हमारी सरकार स्मॉग पर अंकुश लगाने के संयुक्त प्रयासों पर बातचीत के लिए भारतीय अधिकारियों से संपर्क करने के लिए सोमवार को विदेश कार्यालय को पत्र लिखेगी.’
कभी बागों का शहर कहा जाता था लाहौर
गौरतलब है कि लाहौर को कभी बागों के शहर के रूप में जाना जाता था, जो 16वीं से 19वीं शताब्दी तक लगभग हर जगह देखने को मिलते थे. लेकिन तेजी से बढ़ते शहरीकरण और बढ़ती जनसंख्या वृद्धि की वजह से हरियाली के लिए बहुत कम जगह रह गई है.