नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति से संबंधित धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं हुए। एजेंसी की ओर से उन्हें नया समन जारी करने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि मामले के जांच अधिकारी को केजरीवाल से दो पन्नों का पत्र मिला है। केजरीवाल आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं। पत्र में उन्होंने जांच एजेंसी से समन वापस लेने को कहा है और इसे अस्पष्ट, राजनीति से प्रेरित और कानून के मुताबिक विचारणीय नहीं बताया है। सूत्रों के अनुसार, ईडी मुख्यमंत्री के जवाब की समीक्षा कर रही है।
सूत्रों ने संकेत दिया कि केजरीवाल को नयी तारीख दी जा सकती है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने हाल में अभियोजन पक्ष की ओर से दिए गए आश्वासन को संज्ञान में लिया है कि मामले की सुनवाई अगले 6-8 महीनों के भीतर समाप्त हो जाएगी। केंद्रीय एजेंसी ने केजरीवाल को कथित दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था और वह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज करने वाली थी। इस मामले में केजरीवाल की पार्टी के सहयोगी मनीष सिसोदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं।
आप ने आरोप लगाया था कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’) के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने की भाजपा की साजिश के तहत केजरीवाल गिरफ्तार होने वाले पहले व्यक्ति होंगे और ईडी का समन उस पार्टी को खत्म करने का एक प्रयास है जो दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है। आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति से गुटबंदी को बढ़ावा दिया गया और इसे कुछ डीलरों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया था जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। आप ने इस आरोप का बार-बार खंडन किया है।
बाद में नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उप राज्यपाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ईडी ने धन शोधन की रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया।