Justice Yashwant Varma: सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 3 सदस्यीय आंतरिक समिति ने दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा से जुड़े कथित नकदी बरामदगी विवाद की जांच मंगलवार को शुरू कर दी. समिति में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जी एस संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल हैं.
#WATCH | Delhi | Three-member Judge committee to probe allegations against Justice Yashwant Varma arrives at his residence pic.twitter.com/WyzSikUMPa
— ANI (@ANI) March 25, 2025
जज यशवंत वर्मा के आवास का किया निरीक्षण
सूत्रों ने बताया कि समिति के तीनों सदस्य न्यायमूर्ति वर्मा के 30, तुगलक क्रीसेंट स्थित आधिकारिक आवास पहुंचे. उन्होंने कहा कि तीनों न्यायाधीश करीब 30-35 मिनट तक न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास के अंदर रहे और निरीक्षण किया.
सीजेआई ने किया था आंतरिक जांच समिति का गठन
बता दें कि न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास में 14 मार्च को रात करीब 11.35 बजे आग लगने के बाद अग्निशमन अधिकारी मौके पर पहुंचे और आग बुझाई तथा इस दौरान कथित तौर पर नकदी बरामद हुई. इस घटना के बाद 22 मार्च को भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की आंतरिक जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की.
जस्टिस यशवंत वर्मा ने आरोपों का किया खंडन
न्यायमूर्ति वर्मा ने नकदी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा स्टोररूम में कभी भी नकदी नहीं रखी गई. दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय को सौंपे गए अपने जवाब में न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि उनके आवास पर नकदी मिलने के आरोप स्पष्ट रूप से उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश प्रतीत होते हैं.
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