Tuesday, December 24, 2024
Homeताजा खबरपत्रकार संगठन ने पत्रकारों की सुरक्षा और फर्जी खबरों से निपटने के...

पत्रकार संगठन ने पत्रकारों की सुरक्षा और फर्जी खबरों से निपटने के लिए कानून बनाने की मांग की

नई दिल्ली। पत्रकारों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने मीडिया के सामने रोजाना आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श के दौरान सच सामने लाने का प्रयास करने वाले पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और फर्जी खबरें फैलाने वालों से निपटने के लिए एक कानून बनाए जाने की मांग की। भारतीय पत्रकार संघ (आईजेयू) के बैनर तले यहां आयोजित अखिल भारतीय संगोष्ठी में उपस्थित पत्रकारों ने मीडिया आयोग स्थापित करने की पुरानी मांग रखी। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रेस परिषद संवैधानिक रूप से मजबूत है, लेकिन इसके पास एक आयोग के अधिकार नहीं हैं।

संगोष्ठी समन्वयक और आईजेयू के पूर्व अध्यक्ष एस एन सिन्हा ने रविवार को एक बयान में कहा भारतीय पत्रकार संघ ने दैनिक आधार पर सभी स्तरों पर मीडिया के सामने आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया। इसमें इस बात पर भी चर्चा की गई कि सच को सामने लाने की इच्छा रखने वाले पत्रकारों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए और फर्जी खबरें फैलाने एवं पेड न्यूज (रुपये लेकर खबर प्रसारित करना) प्रसारित करने वालों से कैसे निपटा जाए। सिन्हा ने लगभग 3 घंटे तक चले सत्र में कहा कि 12 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आईजेयू प्रतिनिधियों ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर विचार किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान ईमानदार पत्रकारों के आर्थिक कल्याण को ध्यान में रखते हुए उन्हें उत्पीड़न, धमकी और हिंसा से बचाने के तरीके खोजने पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा संगोष्ठी में मीडिया सुरक्षा अधिनियम बनाने और मीडिया आयोग के गठन पर विचार-विमर्श किया गया।

आईजेयू अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी ने भी मीडिया आयोग के गठन की मांग का समर्थन किया। सिन्हा ने बताया कि आईजेयू अपनी स्थापना के बाद से प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों के अधिकारों के लिए कैसे लड़ रहा है। उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता राकेश खन्ना और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी से मानवाधिकार कार्यकर्ता बने आमोद कंठ ने आईजेयू की मांग का समर्थन किया। कंठ ने कहा कि केंद्र इस मामले में महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ सरकारों और यहां तक कि पाकिस्तान से भी प्रेरणा ले सकता है, जिन्होंने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए हैं। उन्होंने कहा पाकिस्तान का मीडिया संरक्षण अधिनियम बहुत महत्वपूर्ण है और इसे सिर्फ इसलिए खारिज नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह पाकिस्तान का है। यह सूत्रों का खुलासा न करने का अधिकार देता है, अनुचित प्रतिबंध लागू न करने की बात करता है और दूसरों की प्रतिष्ठा एवं गोपनीयता की भी रक्षा करता है।

Mamta Berwa
Mamta Berwa
JOURNALIST
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments