मुंबई। अक्सर अपने बयानों के लिए विवादों और चर्चाओं में घिरे रहने वाले बॉलीवुड के वरिष्ठ गीतकार जावेद अख्तर फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने राम भगवान और सीता माता पर अपने विचार खुलकर रखे। उन्होंने कहा कि राम और सीता सिर्फ भगवान ही नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत हैं। कवि और गीतकार जावेद अख्तर ने गुरुवार को मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे की ओर से आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें राम और सीता की भूमि पर पैदा होने पर गर्व है। उन्होंने लोगों से जय सिया राम के नारे लगाने के लिए भी कहा।
जावेद अख्तर ने कहा कि मैं नास्तिक हूं फिर भी मैं राम और सीता को इस देश की संपत्ति मानता हूं, इसलिए मैं यहां आया हूं। रामायण हमारी सांस्कृतिक विरासत है। यह आपकी रूचि का विषय है। मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं राम और सीता की भूमि पर पैदा हुआ हूं, जब हम मर्यादा पुरुषोत्तम की बात करते हैं तो राम और सीता ही याद आते हैं।
कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने लखनऊ में अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि लोग एक-दूसरे का अभिवादन वहां पर जय सिया राम कहकर किया करते थे। मैं लखनऊ से हूं। बचपन में ऐसे लोगों को देखता था जो अमीर थे वह गुड मॉर्निंग कहते थे, लेकिन सड़क से गुजरता हुआ एक आम आदमी कहता था, जय सिया राम। इसलिए सीता और राम को अलग-अलग सोचना पाप है। सिया राम शब्द प्रेम और एकता का प्रतीक है। सिया और राम तो एक ने ही अलग किए। उसका नाम रावण था। तो जो अलग करेगा वह रावण होगा। तो आप मेरे साथ तीन बार जय सिया राम का जाप करें। आज से जय सिया राम बोलें।