नई दिल्ली, प्रवर्तन निदेशालय ने राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना को लागू करने में कथित अनियमितताओं से संबंधित धनशोधन(मनी लॉन्ड्रिंग) जांच के सिलसिले में एक नई गिरफ्तारी की है.आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के संचालक पदमचंद जैन को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया है.
केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन (जेजेएम) का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है और इसे राजस्थान में राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य आभियांत्रिकी (पीएचई) विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है.
पीयूष जैन नामक व्यक्ति को भी किया था गिरफ्तार
जांच एजेंसी ने इससे पहले साल की शुरुआत में पीयूष जैन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था.ईडी का धनशोधन मामला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है जिसमें आरोप लगाया गया था कि पदमचंद जैन,महेश मित्तल (श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के संचालक), पीयूष जैन और अन्य लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य और आभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) से विभिन्न निविदाओं की प्राप्ति के संबंध में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने में शामिल थे.
एजेंसी ने पहले जारी एक बयान में आरोप लगाया कि संदिग्ध अपने ठेकों/अनुबंधों में उपयोग करने के लिए हरियाणा से ‘चोरी’ का सामान खरीदने में भी शामिल थे और उन्होंने PHED के अनुबंध प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इरकॉन के ‘फर्जी’ कार्य समापन पत्र भी जमा किए थे.
ईडी ने दावा किया था कि कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलर ने जल जीवन मिशन से धन का गबन करने में राजस्थान सरकार के PHED विभाग के अधिकारियों की मदद की थी.