Wednesday, June 18, 2025
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iran israel war : यूरेनियम संवर्धन क्या है, परमाणु बम में कैसे होता है इसका इस्तेमाल?

ईरान और इजरयाल के बीच भयानक जंग छिड़ी हुई है, इस जंग का सबसे बड़ा कारण ईरान परमाणु बम विकसित करने की कोशिश है, लेकिन इजराइल अपने देश के भविष्य को देखते हुए ईरान को परमाणु बम.......

iran israel war : यूरेनियम संवर्धन क्या है, परमाणु बम में कैसे होता है इसका इस्तेमाल? पिछले हफ्ते के उत्तरार्ध में इजराइल ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों नतांज, इस्फहान और फोर्डो को निशाना बनाया, जिसमें कई ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। ये ठिकानें बहुत ज्यादा मजबूत और ज्यादातर जमीन की गहराई में बंकर में बने हुए हैं। हमले में इन ठिकानों को हुए नुकसान को लेकर विरोधाभासी खबरें आ रही हैं।

नतांज और फोर्डो वे ठिकाने हैं जहां पर ईरान यूरेनियम संवर्धित करता है जबकि इस्फहान कच्चा माल उपलब्ध कराता है, इसलिए इन स्थलों को कोई भी क्षति ईरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को सीमित कर देगी। लेकिन यूरेनियम संवर्धन वास्तव में क्या है और यह चिंता का विषय क्यों है? यूरेनियम को संवर्धित करने का क्या मतलब है, यह समझने के लिए आपको यूरेनियम आइसोटोप और अणु विखंडन प्रतिक्रिया में उसको विभाजित करने के बारे में थोड़ा जानना होगा।

आइसोटोप क्या है?

सभी पदार्थ अणुओं से बने होते हैं, और ये अणु प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन से बने होते हैं। प्रोटॉन की संख्या ही परमाणुओं को उनके रासायनिक गुण प्रदान करती है, जो विभिन्न रासायनिक तत्वों को अलग करती है। अणुओ में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन की संख्या बराबर होती है। उदाहरण के लिए, यूरेनियम में 92 प्रोटॉन होते हैं, जबकि कार्बन में छह होते हैं। हालांकि, एक ही तत्व में न्यूट्रॉन की संख्या अलग-अलग हो सकती है, जिससे तत्व के अलग-अलग संस्करण बनते हैं जिन्हें आइसोटोप कहते हैं। रासायनिक प्रतिक्रियाओं के लिए यह बात कोई मायने नहीं रखती, लेकिन उनकी नाभिकीय प्रतिक्रियाएं बहुत भिन्न हो सकती हैं।

यूरेनियम-238 और यूरेनियम-235 के बीच अंतर

जब हम यूरेनियम का खनन करते हैं तो इसका 99.27 प्रतिशत ​​हिस्सा यूरेनियम-238 होता है, जिसमें 92 प्रोटॉन और 146 न्यूट्रॉन होते हैं। केवल 0.72 प्रतिशत हिस्सा यूरेनियम-235 होता है, जिसमें 92 प्रोटॉन और 143 न्यूट्रॉन होते हैं (शेष 0.01 प्रतिशत अन्य आइसोटोप होते हैं)। परमाणु बिजली बनाने वाले रिएक्टर या हथियारों के लिए, हमें आइसोटोप अनुपात को बदलने की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दो मुख्य यूरेनियम आइसोटोप में से केवल यूरेनियम-235 ही विखंडन श्रृंखला प्रतिक्रिया का समर्थन कर सकता है: एक न्यूट्रॉन एक परमाणु को विखंडित करता है, जिससे ऊर्जा उत्पन्न होती है और कुछ और न्यूट्रॉन, अधिक विखंडन का कारण बनते हैं, और इसी तरह यह श्रृंखला चलती है।

इस श्रृंखलागत अभिक्रिया से भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। परमाणु हथियार में, लक्ष्य यह होता है कि यह श्रृंखलागत अभिक्रिया सेकेंड के एक अंश में घटित हो, जिससे परमाणु विस्फोट हो। असैन्य नागरिक परमाणु ऊर्जा संयंत्र में श्रृंखलागत अभिक्रिया को नियंत्रित किया जाता है। परमाणु ऊर्जा संयंत्र वर्तमान में दुनिया की नौ प्रतिशत बिजली का उत्पादन करते हैं। परमाणु अभिक्रिया का एक और महत्वपूर्ण असैन्य उपयोग विभिन्न रोगों के निदान और उपचार के लिए परमाणु चिकित्सा में उपयोग किए जाने वाले आइसोटोप का उत्पादन करना है।

फिर परमाणु संवर्धन क्या है ?

यूरेनियम को ‘संवर्धित’ करने का अभिप्राय है कि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्व में बदलाव करना और यूरेनियम-238 को हटाते हुए यूरेनियम-235 के अनुपात को बढ़ाना। ऐसा करने के कुछ तरीके हैं (ऑस्ट्रेलिया के नए आविष्कारों सहित), लेकिन व्यावसायिक रूप से, संवर्धन वर्तमान में सेंट्रीफ्यूज के माध्यम से किया जाता है। ईरान के परामणु संयंत्रों में यूरेनियम संवर्धन की यही तकनीक इस्तेमाल की जा रही है।

सेंट्रीफ्यूज इस तथ्य का इस्तेमाल करते हैं कि यूरेनियम-238, यूरेनियम-235 से लगभग 1 प्रतिशत भारी होता है। ये सेंट्रीफ्यूज यूरेनियम (गैस के रूप में) लेते हैं और रोटर का उपयोग करके इसे प्रति मिनट 50,000 से 70,000 की दर से घुमाते हैं, सेंट्रीफ्यूज की बाहरी दीवारें 400 से 500 मीटर प्रति सेकंड की गति से घूमती हैं।

यह काफी हद तक ‘सलाद स्पिनर’ की तरह काम करता है जो पानी को किनारे की ओर फेंकता है जबकि सलाद बीच में रहता है। भारी यूरेनियम-238 सेंट्रीफ्यूज के किनारों पर चला जाता है, जिससे यूरेनियम-235 बीच में रह जाता है। इस घूर्णन प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती है, जिससे यूरेनियम-235 का प्रतिशत बढ़ता है।

अधिकांश असैन्य परमाणु रिएक्टर ‘‘कम संवर्धित यूरेनियम’’ का उपयोग करते हैं जिसे तीन से पांच प्रतिशत के बीच संवर्धित किया जाता है। इसका अभिप्राय है कि इस्तेमाल कुल यूरेनियम का केवल तीन से पांच प्रतिशत यूरेनियम-235 होता। यह एक श्रृंखला अभिक्रिया को बनाए रखने और बिजली बनाने के लिए पर्याप्त है।

परमाणु हथियार बनाने के लिए कितना संवर्धित यूरेनियम चाहिए?

विस्फोटक श्रृंखला अभिक्रिया के लिए यूरेनियम-235 को उस स्तर से कहीं अधिक सांद्रित करने की आवश्यकता होती है, जिसका उपयोग हम बिजली या दवाइयां बनाने वाले परमाणु रिएक्टर में करते हैं। तकनीकी रूप से, परमाणु हथियार नमूने में 20 प्रतिशत यूरेनियम-235 (जिसे ‘अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम’ के रूप में जाना जाता है) से बनाया जा सकता है, लेकिन जितना अधिक यूरेनियम संवर्धित होगा, हथियार उतना ही छोटा और हल्का हो सकता है। परमाणु हथियार वाले देश लगभग 90 प्रतिशत संवर्धित ‘हथियार-श्रेणी’ यूरेनियम का उपयोग करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के अनुसार, ईरान ने बड़ी मात्रा में यूरेनियम को 60 प्रतिशत तक संवर्धित किया है। इस प्रकार यूरेनियम 235 को 60 प्रतिशत से 90 प्रतिशत संवर्धित करना वास्तव में उस प्रारंभिक 60 प्रतिशत तक पहुंचने से कहीं ज्यादा आसान है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पूरे नमूने में यूरेनियम-238 का स्तर कम होता जाता है। यही कारण है कि माना जा रहा है कि ईरान द्वार परमाणु हथियार बनाने का अत्यधिक खतरा है। इसीलिए यूरेनियम संवर्धन के लिए सेंट्रीफ्यूज तकनीक को गुप्त रखा जाता है।

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