Iran Israel War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका के हमले में ईरान के परमाणु केंद्रों को भारी क्षति पहुंची है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है. ट्रंप ने परमाणु ठिकानों पर हुए हमले में हुए नुकसान को बताने के लिए सैटेलाइट की जारी तस्वीरों का हवाला दिया है. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट में कहा-अमेरिका के हमले में ईरान के परमाणु केंद्रों को भारी क्षति पहुंची है. जैसा की उपग्रह की तस्वीरों में नजर आता है. इसके लिए विनाश एक सटीक शब्द है.

ईरान ने हमले को लेकर कोई जानकारी नहीं की साझा
अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने कहा है कि वे हमले में हुए नुकसान का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं. ईरान ने भी यह नहीं बताया है कि हमले में उसे कितना नुकसान हुआ है. ईरान ने इजराइल के साथ युद्ध में इजराइल की ओर से किए गए हमलों के बारे में कोई विवरण नहीं दिया है. ईरान ने संभवतः अमेरिकी हमलों से पहले परमाणु केंद्रों के पास बनी सुरंगों को भर दिया था.
ईरान ने पहले ही भर दी थी परमाणु स्थल पर बनी सुरंगें
अमेरिका के एक परमाणु अप्रसार संगठन द्वारा उपग्रह तस्वीरों के विश्लेषण से पता चलता है कि ईरान ने संभवतः रविवार की सुबह अमेरिकी हमलों से पहले इस्फहान में अपने परमाणु स्थल पर बनी सुरंगें भर दी हैं. अमेरिका स्थित ‘इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी’ ने ‘एयरबस’ द्वारा ली गई उपग्रह तस्वीरों को प्रकाशित किया, जिसमें शुक्रवार को परमाणु केंद्र पर सुरंगों में ट्रकों से मिट्टी भरते देखा जा सकता है. अमेरिकी हमले ने संभवतः सुरंग के प्रवेश द्वारों को निशाना बनाया. 4 सुरंगों में से कम से कम 3 के प्रवेश द्वार ढह गए हैं. चौथे की स्थिति स्पष्ट नहीं है.’
माना जाता है कि ईरान ने अमेरिकी हमले से पहले अपने भूमिगत फोर्दो संवर्धन केंद्र में सुरंगों को भर दिया था. ऐसा संभवत: हमलों से केंद्र को बचाने के लिए किया गया था. इस बीच, ‘इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी’ ने कहा कि इस्फहान केंद्र पर अमेरिकी क्रूज मिसाइल हमले ने संभवतः इसके यूरेनियम रूपांतरण केंद्र को नष्ट कर दिया.
ऑस्ट्रेलिया ने किया अमेरिकी हमलों का समर्थन
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि उनकी सरकार ने अमेरिकी हमलों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, ‘हम ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने के लिए कार्रवाई का समर्थन करते हैं. सोमवार को चैनल ‘नाइन न्यूज’ पर प्रसारित अपनी टिप्पणी में वोंग ने कहा, ‘आखिरकार हम तनाव कम होते देखना चाहते हैं और कूटनीति चाहते हैं. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या हमले के लिए ऑस्ट्रेलियाई उपग्रह संचार या ‘सिग्नल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल अमेरिका द्वारा किया गया था या नहीं. दोनों देश खुफिया सूचना साझा करने के लिए ‘फाइव आईज’ साझेदारी के सदस्य हैं. अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि यह एकतरफा हमला था.’
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