Aditya-L1 Launch : चंद्रयान-3 के मिशन मून की सफलता के बाद अब भारत सूर्य अध्ययन के लिए आदित्य एल1 की लॉन्चिग करने जा रहा है. इसरो ने इसके लिए लगभग पूरी तैयारी कर ली हैं. शनिवार 2 सितंबर को आदित्य एल -1 के PSLV- सी57 को सूर्य अध्ययन के लिए भेजा जाएगा.
लॉन्चिग से पहले तिरुमाला के दरबार में वैज्ञानिक
आदित्य एल-1 की लॉन्चिग को अंतिम रुप देते हुए इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि हमारा महत्वाकांक्षी सोलर मिशन शनिवार को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा. इसके लिए रॉकेट और सैटेलाइट तैयार कर लिए गए हैं. भारत के मिशन सूर्य अध्ययन की सफल लॉन्चिग के इसरो वैज्ञानिकों की एक टीम आदित्य-एल1 मिशन के मिनी मॉडल के साथ तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंची.
प्रक्षेपण के लिए अभ्यास हुआ पूरा
इसरो द्वारा भारत के पहले सौर मिशन (आदित्य-एल1 मिशन) को शनिवार 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताका कि, ‘‘रॉकेट और सैटेलाइट तैयार हैं. हमने प्रक्षेपण के लिए अभ्यास पूरा कर लिया है.” आदित्य-एल1 को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे की वह अंतरिक्ष यान को सूर्य के परिमंडल के दूर से अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अध्ययन कर सके. आदित्य एल-1 को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के एल1 प्वाइंट की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. इस प्वाइंट की खास बात यह है कि यहां सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बेअसर रहते हैं, जिसके चलते वस्तुएं इस जगह पर रह सकती हैं. इसे सूर्य और पृथ्वी के अंतरिक्ष में पार्किंग प्वाइंट भी कहा जाता है.
चंद्रयान के बाद इसरो फतह करेगा सूर्ययान
सूर्य के अध्ययन के लिए भेजा जाने वाला भारत की ओर से यह पहला उपग्रह होगा. आदित्य एल -1 की लॉन्चिग को ऐसे समय में अंजाम दिया जा रहा है, जब हाल में इसरो ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराकर इतिहास रचा है. भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला और इकलौता देश हैं.