Wholesale Inflation: भारत की थोक महंगाई जून में सालाना आधार पर घटकर 0.13% रह गई. जो अक्टूबर 2023 के बाद से थोक महंगाई की सबसे कम दर है. सरकार ने सोमवार को इससे जुड़े आंकड़े जारी किए. खाने-पीने की चीजों, ईंधन और फैक्ट्री उत्पादों की लागत में आई कमी की वजह से ही थोक महंगाई की वृद्धि दर में भी कमी दिख रही है. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति मई में 0.39 प्रतिशत और जून 2024 में 3.43 प्रतिशत रही थी.
सरकार ने बयान में कही ये बात
उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘जून 2025 में मुद्रास्फीति में कमी की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, मूल धातुओं के विनिर्माण, कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस आदि की कीमतों में नरमी रही.’ थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, जून में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 3.75 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि इसमें मई में 1.56 प्रतिशत की गिरावट आई थी. सब्जियों की कीमतों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई. जून में सब्जियों की कीमतों में 22.65 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि मई में यह 21.62 प्रतिशत थी.
खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े आज किए जाएंगे जारी
मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स के मामले में मुद्रास्फीति 1.97 प्रतिशत रही, जबकि मई में यह 2.04 प्रतिशत थी. ईंधन और बिजली में जून में यह 2.65 प्रतिशत रही जो मई में 2.27 प्रतिशत रही थी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्यतः खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है. खुदरा मुद्रास्फीति के जून के आंकड़े आज दिन में जारी किए जाएंगे. RBI ने मुद्रास्फीति में नरमी के बीच पिछले महीने नीतिगत ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की भारी कटौती करके उसे 5.50 प्रतिशत कर दिया था.