Saturday, December 6, 2025
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India-Russia relation : भारत, रूस ने छोटे मॉड्यूलर संयंत्रों, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर सहयोग की संभावनाएं तलाशी

भारत और रूस की शिखर वार्ता में असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग पर जोर दिया गया। दोनों नेताओं ने स्वच्छ ऊर्जा बढ़ाने के लिए भारत में दूसरे परमाणु संयंत्र के स्थान चयन और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों पर सहयोग पर चर्चा की। कुडनकुलम परियोजना की प्रगति की समीक्षा की गई, जिसे रूस की रोसाटॉम कंपनी बना रही है। संयुक्त बयान में कहा गया कि भारत जल्द दूसरे परमाणु स्थल के औपचारिक आवंटन को अंतिम रूप देगा और तकनीकी सहयोग को आगे बढ़ाया जाएगा।

India-Russia relation : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को शिखर वार्ता के दौरान भारत में रूसी संयंत्रों के साथ दूसरे परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण के लिए स्थान के चयन और छोटे मॉड्यूलर संयंत्रों को लेकर सहयोग के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के संदर्भ में असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की।

ऊर्जा सुरक्षा भारत-रूस साझेदारी का एक मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है : मोदी

मोदी ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा, ऊर्जा सुरक्षा भारत-रूस साझेदारी का एक मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के दशकों पुराने सहयोग ने हमारी साझा स्वच्छ ऊर्जा प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, हम इस दोनों पक्षों के लिए लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाते रहेंगे।

वार्ता में दोनों पक्षों ने तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के कार्यान्वयन की समीक्षा की। यह संयंत्र रूस की सरकारी परमाणु निगम रोसाटॉम की सहायता से बनाया जा रहा है। पुतिन ने कहा, इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पूर्ण क्षमता के साथ काम करने से भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं में उल्लेखनीय योगदान होगा। इससे भारतीय उद्यमों और घरों को सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों पक्षों ने छोटे मॉड्यूलर संयंत्रों के निर्माण पर सहयोग की संभावना पर चर्चा की। वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि नए एजेंडे के तहत परमाणु ऊर्जा और संबंधित उच्च प्रौद्योगिकियों के शांतिपूर्ण उपयोग के संबंध में सहयोग पर भी चर्चा की गई।

संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्षों ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए ‘‘भारत में दूसरे स्थान के चयन पर आगे चर्चा के महत्व पर जोर दिया’’ तथा कहा कि भारतीय पक्ष पहले हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार दूसरे स्थल के औपचारिक आवंटन को अंतिम रूप देने का प्रयास करेगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कुडनकुलम में तीसरे और चौथे संयंत्र के लिए काम जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक ​​दूसरे स्थल (परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए) की बात है, तो यह ऐसा मुद्दा है जिस पर दोनों देशों के बीच कुछ समय से चर्चा जारी है।’’

Mukesh Kumar
Mukesh Kumarhttps://jagoindiajago.news/
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