नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन इंडिया ने मंगलवार को ऑनलाइन समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों पर छापेमारी की कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की कार्रवाई केवल उन लोगों के खिलाफ है जो सत्ता के सामने सच बोलते हैं। विपक्षी गठबंधन ने यह भी कहा कि नफरत और विभाजनकारी सोच को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।
‘इंडियन नेशनल डवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) ने एक बयान में कहा कि सरकार ने सांठगांठ वाले पूंजीपतियों का मीडिया संस्थानों पर नियंत्रण कराके अपने पक्षपातपूर्ण और वैचारिक हितों के लिए मीडिया को मुखपत्र बनाने की भी कोशिश की है। सरकार और उसके विचारधारा से जुड़े संगठनों, दोनों ने सत्ता के सामने सच बोलने वाले पत्रकारों के खिलाफ प्रतिशोध का सहारा लिया है। इसके अलावा, भाजपा सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 जैसी प्रतिगामी नीतियों को भी आगे बढ़ाया है जो मीडिया को निष्पक्ष रिपोर्टिंग करने से रोकती हैं। ऐसा करके, भाजपा न केवल भारत के लोगों से अपने किये पापों को छिपा रही है, बल्कि वह एक परिपक्व लोकतंत्र के रूप में भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा से भी समझौता कर रही है।
बयान के अनुसार भाजपा सरकार की जबरन कार्रवाई केवल उन मीडिया संस्थानों और पत्रकारों के खिलाफ होती है जो सत्ता के सामने सच बोलते हैं। विडंबना यह है कि जब देश में नफरत और विभाजन को भड़काने वाले पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात आती है तो भाजपा सरकार पंगु हो जाती है। सरकार को यह बात शोभा देती है कि वह देश और जनता से जुड़े वास्तविक मुद्दों पर ध्यान दे और अपनी नाकामियों से ध्यान हटाने के वास्ते मीडिया पर हमले करना बंद करे।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने चीन समर्थक प्रचार के लिए धन प्राप्त करने के आरोपों के बाद आतंकवाद निरोधक कानून ‘यूएपीए’ के तहत दर्ज एक मामले में ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ और उससे जुड़े पत्रकारों से संबंधित 30 स्थानों की तलाशी ली।
उर्मिलेश और अभिशार शर्मा समेत कुछ पत्रकारों को पूछताछ के लिए लोधी रोड स्थित स्पेशल सेल के कार्यालय ले जाया गया। सूत्रों ने कहा कि उनके सामने 25 सवालों की एक सूची रखी गई थी।