Suryakumar On No Handshake: भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और पाकिस्तान के सलमान आगा ने रविवार को यहां एशिया कप ग्रुप ए मुकाबले के टॉस के दौरान हाथ नहीं मिलाया. आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मैचों से पहले सिक्का उछालने के दौरान खेल भावना के अंतर्गत दोनों टीमों के कप्तानों के बीच हाथ मिलाना एक परंपरा है, लेकिन कोई नियम नहीं है. भारत और पाकिस्तान दोनों टीमों के कप्तानों ने हाथ नहीं मिलाया और दोनों ने एक दूसरे से नजरें भी नहीं मिलाईं.
मैच खत्म होने के बाद भी भारतीय खिलाड़ियों ने कतार में खड़े अपने पाकिस्तानी समकक्षों से पारंपरिक तरीके से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया. दोनों कप्तानों ने जिम्बाब्वे के मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को अपनी टीम की शीट सौंपी, सिक्का उछाल रहे टीवी कमेंटेटर रवि शास्त्री से बात की और अपनी दिशाओं में वापस लौट गए. पाकिस्तानी कप्तान ने तो टीवी प्रस्तुतिकरण समारोह का भी बहिष्कार कर दिया.
सूर्यकुमार ने बताया हाथ ना मिलाने का कारण
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार ने अपना रूख स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस रस्म से परहेज क्यों किया. उन्होंने हाथ नहीं मिलाने के फैसले पर कहा, ‘हमने यह फैसला लिया क्योंकि हम यहां सिर्फ खेलने आए थे. हमने इसका उचित जवाब दिया. हम बीसीसीआई और सरकार के साथ हैं. कुछ चीजें खेल भावना से आगे होती हैं. हम पहलगाम आतंकी हमले के सभी पीड़ितों के साथ खड़े हैं और इस जीत को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हिस्सा लेने वाले सशस्त्र बलों को समर्पित करते हैं.’
पहलगाम हमले के बाद पहली बार भारत-पाक क्रिकेट में आमने सामने
इस साल अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमलों के बाद यह पहली बार है जब चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान किसी क्रिकेट मैच में आमने-सामने हैं. भारत ने इस आंतकी हमले के बाद मई में सीमा पार जवाबी सैन्य कार्रवाई शुरू की थी.
क्या कहती है भारत की नई खेल नीति ?
पिछले महीने भारत ने एक नयी खेल नीति की घोषणा की जिसके अंतर्गत उसकी टीमों और खिलाड़ियों को पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी लेकिन वे बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में एक दूसरे से खेल सकते हैं. इस नीति ने भारतीय खिलाड़ियों के पाकिस्तान जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया और पड़ोसी देश की टीमों और व्यक्तिगत खिलाड़ियों की मेजबानी करने से इनकार कर दिया.
गौरतलब है कि इस मुकाबले से पहले भारतीय खेमे ने कहा था कि खिलाड़ियों का ध्यान खेल पर लगा है और वे लोगों की भावनाओं और संवेदनाओं से वाकिफ हैं लेकिन इस मुकाबले को पेशेवर रूप से खेलने के लिए उन्होंने इन्हें पीछे छोड़ दिया है.