राजकोट, पिता ने जो सपना देखा उसे बेटे ने पूरा कर दिखाया। इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट मैच में भारत के लिए डेब्यू करने वाले सरफराज खान ने कमाल कर दिया। सरफराज खान को जब टेस्ट कैप मिला तो इस दौरान उनके पिता भी वहां मौजूद थे। सरफराज को जैसे ही टेस्ट मिला वह दौड़कर अपने पिता के पास गए और उनके गले लग गए और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। अब बारी थी सरफराज के बैटिंग की। सरफराज खान रोहित शर्मा के आउट होने के बाद बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर आए।
हालांकि सरफराज खान दुर्भाग्यपूर्ण रहे कि वह रन आउट हो गए, लेकिन इससे पहले उन्होंने तूफानी अंदाज में फिफ्टी ठोककर यह बता दिया कि अब उनका टाइम आ चुका है। सरफराज ने सिर्फ 48 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया। बेटे की इस उपलब्धि पर स्टेडियम में बैठे उनके पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
उनके चेहरे पर जो मंद मुस्कान थी, उससे साफ पता चल रहा था कि उन्हें कितनी संतुष्टि मिली है, क्योंकि इस दिन को देखने के लिए उनकी आंखें तरस गई थी। सरफराज खान के पिता ही उनके बचपन के कोच हैं। बता दें कि सरफराज खान के पिता भी क्रिकेटर रह चुके हैं। उनका सपना था कि वह भी एक भारत के लिए क्रिकेट खेलें, लेकिन ऐसा कभी नहीं हो सका।
बेटे को मौका मिलने पर सरफराज के पिता ने कही ये बात
सरफराज खान को लेकर पिछले कुछ साले में भारतीय क्रिकेट में लगातार उन्हें टीम में शामिल करने की चर्चा देखने को मिल रही थी। हालांकि इसके बावजूद वह टीम इंडिया का हिस्सा नहीं बन पा रहे थे। इसी को लेकर जब आकाश चोपड़ा के साथ सरफराज के पिता नौशान खान से ऑन एयर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसका जवाब शायराना अंदाज में देते हुए कहा कि रात को वक्त चाहिए गुजरने के लिए, लेकिन सूरज मेरी मर्जी से नहीं निकलने वाला। बता दें कि जब टेस्ट डेब्यू कैप सरफराज खान को मिली थी तो उसके बाद वह अपने पिता और पत्नी के पास पहुंचे, जिसके बाद दोनों की आंखों में आंसू देखने को मिले थे। सरफराज खान भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले 311वें खिलाड़ी हैं।