इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक अदालत ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 19 करोड़ पाउंड के अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार देते हुए दोनों को क्रमशः 14 और 7 साल के कारावास की सजा सुनाई. भ्रष्टाचार निरोधक अदालत के न्यायाधीश नासिर जावेद राणा ने फैसला सुनाया, जिसे अलग-अलग कारणों से 3 बार टाला जा चुका था. आखिरी बार इसे 13 जनवरी को टाला गया था.
इमरान खान पर सजा के अलावा लगाया जुर्माना
न्यायाधीश ने आदिला जेल में स्थापित एक अस्थायी अदालत में खान और उनकी पत्नी को कारावास की यह सजा सुनायी. जेल की सजा के अलावा खान पर 10 लाख पाकिस्तानी रुपये और बुशरा बीबी पर 5 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगाया गया. जुर्माना न भरने पर खान को 6 महीने और बुशरा बीबी को 3 महीने की अतिरिक्त सज़ा होगी. अदालत ने उनके द्वारा स्थापित अल-कादिर विश्वविद्यालय की ज़मीन को भी ज़ब्त करने का आदेश दिया. खान पहले से ही जेल में हैं जबकि बुशरा को अदालत से गिरफ्तार कर लिया गया.
इमरान खान के हवाले से उनकी पार्टी ने कही ये बात
पूर्व प्रधानमंत्री के हवाले से उनकी पार्टी ने कहा, ”आज के फैसले से न्यायपालिका की छवि खराब हुई है. इस मामले में न तो मुझे कोई लाभ हुआ था और न ही सरकार को घाटा हुआ था. मैं किसी प्रकार की राहत नहीं चाहता हूं और मैं सभी मामलों का सामना करुंगा. उन्होंने कहा, ”एक तानाशाह यह सब कर रहा है.”
दिसंबर 2023 में दर्ज किया गया था मामला
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने दिसंबर 2023 में खान (72), बीबी (50) और 6 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर राष्ट्रीय खजाने को 19 करोड़ पाउंड (करीब 50 अरब पाकिस्तानी रुपये) का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था. मुकदमा खान और बीबी पर चलाया गया क्योंकि एक प्रॉपर्टी कारोबारी सहित अन्य सभी आरोपी देश से बाहर हैं.
इमरान खान और बुशरा बीबी पर क्या है आरोप ?
आरोप है कि एक प्रॉपर्टी कारोबारी के साथ समझौते के तहत ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी द्वारा पाकिस्तान को लौटाए गए 50 अरब पाकिस्तानी रुपये का दुरुपयोग किया गया. राष्ट्रीय खजाने के तौर पर इस्तेमाल होने वाली इस राशि को उस व्यवसायी के कथित तौर पर निजी लाभ के लिए लगाया गया, जिसने बीबी और खान को एक विश्वविद्यालय स्थापित करने में मदद की थी.
अल-कादिर ट्रस्ट की ट्रस्टी के रूप में बीबी पर इस समझौते से लाभ उठाने का आरोप है, जिसमें झेलम में अल-कादिर विश्वविद्यालय के लिए 458 कनाल भूमि का अधिग्रहण करना भी शामिल है. बता दें कि प्रधानमंत्री पद से 2022 में हटाए जाने के बाद से खान दर्जनों मामलों का सामना कर रहे हैं. अगस्त 2023 से वह जेल में हैं.