Iran Israel War: ईरान और इजराइल की जंग अब और भी ज्यादा हिंसक हो गई है, क्योंकि इसमें अब अमेरिका की एंट्री हो गई है। रविवार को अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर मिसाइलें दागी है। जिसके बाद मिडिल तनाव बढ़ गया है। तनाव को देखते हुए इजरायल ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है।
अमेरिका के मानवाधिकार संगठन ने ईरान और इजरायल की जंग में हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। ईरान पर इजराइल के हमलों में कम से कम 865 लोगों की मौत हो गई और 3,396 अन्य घायल हो गए। एक मानवाधिकार संगठन ने रविवार को यह जानकारी दी।

ईरान पर इजराइल के हमलों में 865 लोगों की मौत
अमेरिका के मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स ने पूरे ईरान के आंकड़े पेश किए। संगठन ने कहा कि मृतकों में 363 नागरिक और 215 सुरक्षा बल के जवान शामिल हैं। ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स ने ईरानी नागरिक महसा अमीनी की मौत के बाद वहां 2022 में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हताहतों की विस्तृत संख्या भी प्रदान की थी।
ईरान संघर्ष के दौरान मृतकों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दे रहा है और उसने पूर्व में हताहतों की संख्या कम बताई थी। शनिवार को, ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजराइल के हमलों में लगभग 400 नागरिक मारे गए हैं और 3,056 अन्य घायल हुए। इस बीच, इजराइल के हवाई अड्डा प्राधिकरण ने रविवार को घोषणा की कि वह ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों के मद्देनजर देश के हवाई क्षेत्र को बंद कर रहा है।
अमेरिकी हमले का नेतन्याहू ने किया स्वागत
ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों का इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्वागत किया। उन्होंने कहा- ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का आपका साहसिक निर्णय इतिहास बदल देगा। अमेरिका ने वह कर दिखाया है जो कोई अन्य देश नहीं कर सका। राष्ट्रपति ट्रम्प और मैं अक्सर कहते हैं शक्ति के माध्यम से शांति। पहले शक्ति आती है, फिर शांति आती है और आज रात डोनाल्ड ट्रंप और संयुक्त राज्य अमेरिका ने बहुत ताकत के साथ काम किया।

अमेरिकी हमलों के बाद इजरायल ने बंद किया अपना हवाई क्षेत्र
इजराइल के हवाईअड्डा प्राधिकरण ने कहा, वह अमेरिका के हमलों के बाद अपनी हवाई यातायात बंद कर रहा है। हालांकि प्राधिकरण ने यह नहीं बताया कि यह कितने समय तक रहेगा। अमेरिका ने रविवार तड़के ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमले किए और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तबाह करने के मकसद से इजराइल की ओर से शुरू किए गए हमलों में शामिल हो गया।