लंदन, भारत की राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने की संभावनाओं को करारा झटका लगा है क्योंकि मेजबान शहर ग्लासगो ने हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती, क्रिकेट और निशानेबाजी जैसे प्रमुख खेलों को 2026 में होने वाले खेलों के कार्यक्रम हटा दिया है तथा केवल 10 खेलों को इसमें जगह दी गई है. लागत को सीमित करने के लिए टेबल टेनिस, स्क्वाश और ट्रायथलॉन को भी हटा दिया गया है. बर्मिंघम में 2022 में खेले गए राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल 9 खेल अगले खेलों का हिस्सा नहीं होंगे. इन खेलों को केवल 4 स्थानों पर आयोजित किया जाएगा. राष्ट्रमंडल खेल 2026 में 23 जुलाई से 2 अगस्त तक आयोजित किए जाएंगे. ग्लासगो ने इससे पहले 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबानी की थी.
राष्ट्रमंडल खेल में इन खेलों को किया शामिल
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने बयान में कहा,‘‘खेल कार्यक्रम में एथलेटिक्स और पैरा एथलेटिक्स (ट्रैक एवं फील्ड), तैराकी और पैरा तैराकी, कलात्मक जिमनास्टिक, ट्रैक साइक्लिंग और पैरा ट्रैक साइक्लिंग, नेटबॉल, भारोत्तोलन और पैरा पावरलिफ्टिंग, मुक्केबाजी, जूडो, बाउल्स और पैरा बाउल्स, 3×3 बास्केटबॉल और 3×3 व्हीलचेयर बास्केटबॉल को शामिल किया गया है.”
4 स्थलों पर होगा खेलों का आयोजन
बयान के अनुसार,‘‘इन खेलों का आयोजन 4 स्थलों स्कॉट्सटाउन स्टेडियम, टोलक्रॉस इंटरनेशनल तैराकी केंद्र, एमिरेट्स एरेना और स्कॉटिश प्रतियोगिता परिसर (एसईसी) में किया जाएगा. खिलाड़ियों और उनके सहयोगी स्टाफ को होटल में ठहराया जाएगा.
भारत की पदक संभावनाओं को बड़ा झटका
राष्ट्रमंडल खेलों का यह कार्यक्रम भारत की पदक संभावनाओं के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इससे पहले उन्होंने अधिकतर पदक उन खेलों में जीते थे जिन्हें हटाया गया है. निशानेबाजी को बर्मिंघम खेलों के कार्यक्रम से भी हटाया गया था और उसकी वापसी की कम उम्मीद थी.
CGF ने खेल कार्यक्रम का ऐलान करते हुए कही ये बात
सीजीएफ ने ग्लासगो खेलों के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा, ”ग्लासगो में 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन 8 मील के दायरे में स्थित 4 स्थानों पर किया जाएगा. इन खेलों में 10 खेल को शामिल किया गया है.”
राष्ट्रमंडल खेलों से खेलों के हटाने के पीछे ये वजह
निशानेबाजी को इसलिए कार्यक्रम से बाहर किया गया है क्योंकि 2014 में इस खेल का आयोजन डंडी में बैरी बुडन सेंटर में किया गया था जो ग्लासगो से 100 किमी से अधिक दूर है. इसके साथ ही तीरंदाजी को भी नजरअंदाज किया जाता रहा है. यह खेल आखिरी बार दिल्ली में 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा था.
राष्ट्रमंडल खेल 2014 में हॉकी और कुश्ती की मेजबानी करने वाले ग्लासगो ग्रीन और स्कॉटिश प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र को आयोजन स्थलों की सूची से हटा दिया गया है, जबकि सर क्रिस होय वेलोड्रोम, जहां उस वर्ष बैडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, इस बार केवल साइकलिंग की मेजबानी करेगा.
हॉकी को हटाने के पीछे हो सकता ये कारण
हॉकी को बाहर करने का कारण यह भी हो सकता है कि इन खेलों के समाप्त होने के 2 सप्ताह बाद 15 से 30 अगस्त तक वावरे, बेल्जियम और एम्स्टेलवीन, नीदरलैंड में हॉकी विश्व कप का आयोजन किया जाएगा.
पहले इन खेलों का आयोजन ऑस्ट्रेलिया के राज्य विक्टोरिया में होना था लेकिन बढ़ती लागत को देखते हुए वह मेजबानी से हट गया था. इसके बाद स्कॉटलैंड ने खेलों की मेजबानी करने के लिए हामी भरी थी.
सूची से हटने वाले खेलों में भारत का कैसा रहा प्रदर्शन ?
खेलों से हॉकी का बाहर होना भारत के लिए एक बड़ा झटका होगा.भारत की पुरुष टीम ने 3 रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं, जबकि महिलाओं ने 2002 के खेलों में ऐतिहासिक स्वर्ण सहित तीन पदक जीते हैं. बैडमिंटन में भारत ने 10 स्वर्ण, आठ रजत और 13 कांस्य पदक सहित कुल 31 पदक जीते हैं. निशानेबाजी में भारत ने 135 पदक जीते थे जिनमें 63 स्वर्ण, 44 रजत और 28 कांस्य शामिल हैं. कुश्ती प्रतियोगिता में देश को 114 पदक मिले हैं, जिनमें 49 स्वर्ण, 39 रजत और 26 कांस्य शामिल हैं. क्रिकेट को 2022 में फिर से राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल कर दिया गया था जिसमें भारतीय महिला टीम ने रजत पदक जीता था. पैरा खिलाड़ी 2002 से इन खेलों का हिस्सा रहे हैं और अगले खेलों में भी बने रहेंगे.सीजीएफ ने कहा, ‘‘पैरा खेल को एक बार फिर खेलों में प्राथमिकता दी जाएगी. इस बार छह पैरा खेलों को खेल कार्यक्रम में शामिल किया गया है.’’