जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडानी के अडानी समूह पर निशाना साधते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट ने हडकंप मचा दिया था। अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार बड़ी चेतावनी जारी की है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक 10 अगस्त की सुबह में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट की है। अपनी पोस्ट में Hindenburg Research ने लिखा है कि “भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है”। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि हिंडनबर्ग फिर से कोई बड़ी रिपोर्ट देने वाला है। देखना होगा कि इस बार उसके निशाने पर कौन होगा?
अडाणी ग्रुप पर लगाए थे आरोप
बता दें, 24 जनवरी 2023, भारत के इतिहास की वो तारीख है, जिसने देश के दूसरे सबसे अमीर इंसान और अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी को हिला कर रख दिया था। इसी दिन अमेरिका की एक शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसके बाद ना सिर्फ अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स डाउन हुए, बल्कि पूरा का पूरा शेयर बाजार ही हिल गया। हालांकि, इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयर अभी भी अपनी पुरानी वाली पोजीशन पर नहीं आ सके हैं। अब इसी हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर भारत को लेकर बड़ी चेतावनी दी है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी। उसका कहना था कि उसने अडानी ग्रुप के शेयर्स को लेकर शॉर्ट पोजिशन ली हुई है। हालांकि तब ये साफ नहीं हुआ था कि उसने किसके लिए ये शॉर्ट पोजिशन ली थी, क्योंकि भारतीय शेयर बाजार में उसे डायरेक्ट डील करने की परमिशन नहीं है।
ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अबकी बार हिंडनबर्ग के निशाने पर कौन है, ये तो उसके एक्स पोस्ट से साफ पता नहीं चलता है, लेकिन उसका इस तरह से चेतावनी देना निश्चित तौर पर शेयर मार्केट में निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेगा। इतना ही नहीं आम निवेशकों के मन में एक बार फिर अडानी ग्रुप को लेकर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। वहीं कुछ यूजर्स हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठा रहे हैं। ये हिंडनबर्ग रिसर्च की पोस्ट पर आए आम यूजर्स के कमेंट से भी पता चल सकता है।
सेबी ने दिया था हिंडनबर्ग को नोटिस
इस साल जून महीने में हिंडनबर्ग रिसर्च ने फिर से एक बार चर्चा में आया था। हिंडनबर्ग ने खुलासा किया था कि पूंजी बाजार नियामक सेबी ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया है। यह घटनाक्रम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ जब हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कोटक बैंक की स्पष्ट रूप से पहचान की। नतीजा ये हुआ कि इस खुलासे की वजह से कोटक बैंक के शेयर मूल्य में उल्लेखनीय गिरावट आई।