Thursday, December 26, 2024
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हिमंत विश्व शर्मा का बहुविवाह को लेकर बड़ा बयान

असम। असम में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने को लेकर विधानसभा की विधायी क्षमता का पता लगाने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति के रिपोर्ट पेश करने के कुछ ही घंटे बाद रविवार को मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि इस वित्त वर्ष में इस विषय पर एक विधेयक पेश किया जाएगा।

शर्मा ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज ही अपनी रिपोर्ट पेश करने वाली विशेषज्ञ समिति ने सर्वसम्मति से कहा है कि राज्य बहुविवाह को समाप्त करने के लिए अपना कानून बना सकता है। उन्होंने कहा रिपोर्ट में सर्वसम्मति से कहा गया है कि राज्य सरकार बहुविवाह पर कानून बना सकती है। उन्होंने (समिति) कहा है कि एकमात्र बिंदु यह है कि विधेयक पर अंतिम सहमति राज्यपाल के बजाय राष्ट्रपति को देनी होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या असम में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून लाया जाएगा, तो मुख्यमंत्री ने हां में जवाब दिया। उन्होंने कहा यह विधेयक निश्चित रूप से इसी वित्तीय वर्ष में पेश किया जाएगा।

इससे पहले, बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने को लेकर विधानसभा की विधायी क्षमता का पता लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने मुख्यमंत्री शर्मा को अपनी रिपोर्ट सौंपी। शर्मा ने लिखा असम में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने के वास्ते राज्य विधानसभा की विधायी क्षमता की पड़ताल करने को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। शर्मा ने समिति द्वारा उन्हें रिपोर्ट सौंपने और दस्तावेज की तस्वीरें ट्विटर पर साझा कीं।

मुख्यमंत्री ने कहा असम जाति, पंथ या धर्म से परे महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए सकारात्मक माहौल तैयार करने के करीब पहुंच गया है। शर्मा ने 12 मई को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रूमी कुमारी फुकन की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित करने की घोषणा की थी। फुकन के अलावा, समिति के अन्य सदस्यों में राज्य के महाधिवक्ता देवजीत सैकिया, वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता नलिन कोहली और वरिष्ठ अधिवक्ता नकीब-उर-जमां शामिल हैं। अठारह जुलाई को, असम सरकार ने समिति का कार्यकाल 13 जुलाई से एक महीने बढ़ाकर 12 अगस्त कर दिया था।

समिति को शुरू में अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 60 दिनों का वक्त दिया गया था। इसे समान नागरिक संहिता के लिए राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 25 और मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के प्रावधानों की पड़ताल करने का काम सौंपा गया था।

Mamta Berwa
Mamta Berwa
JOURNALIST
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