Saturday, December 21, 2024
Homeताजा खबरRajasthan हाईकोर्ट का बाल विवाह को लेकर बड़ा आदेश,'बाल विवाह होने पर...

Rajasthan हाईकोर्ट का बाल विवाह को लेकर बड़ा आदेश,’बाल विवाह होने पर सरपंच,पंच को ठहराया जाएगा जिम्मेदार’,जानें आदेश में और क्या कहा ?

जयपुर, राजस्थान में अक्षय तृतीया से पहले उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राज्य में कोई बाल विवाह नहीं हो.इसके साथ ही अदालत ने कहा कि बाल विवाह होने पर सरपंच और पंच को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.बाल विवाह की कई घटनाएं मुख्य रूप से अक्षय तृतीया पर होती हैं.अक्षय तृतीया इस बार 10 मई को है.

उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने बाल विवाह को रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को अपने आदेश में कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 लागू होने के बावजूद, राज्य में बाल विवाह अब भी हो रहे हैं.अदालत ने कहा कि हालांकि अधिकारियों के प्रयासों के कारण बाल विवाह की संख्या में कमी आई है, लेकिन अब भी बहुत कुछ करने की जरूरत है.याचिकाकर्ताओं के वकील आरपी सिंह ने कहा कि अदालत को एक सूची भी उपलब्ध कराई गई जिसमें बाल विवाह और उनकी निर्धारित तिथियों का विवरण था.

कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा ?

खंडपीठ ने कहा,”राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 के अनुसार, बाल विवाह को प्रतिबंधित करने का कर्तव्य सरपंच पर डाला गया है. इस प्रकार, एक अंतरिम उपाय के रूप में, हम राज्य को निर्देश देंगे कि वह राज्य में होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए की गई जांच के संबंध में रिपोर्ट मांगे और उस सूची पर भी पैनी नजर रखे जो जनहित याचिका के साथ संलग्न है.”

”बाल विवाह होने पर सरपंच,पंच को जिम्मेदार ठहराया जाएगा”

आदेश में कहा गया है, ”उत्तरदाताओं को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में कोई बाल विवाह नहीं हो.सरपंच और पंच को संवेदनशील बनाया जाना चाहिए और उन्हें सूचित किया जाना चाहिए कि यदि वे बाल विवाह को रोकने में विफल रहते हैं, तो बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 की धारा 11 के तहत उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा.”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments