जयपुर। राजस्थान के हीरालाल सामरिया ने देश भर में प्रदेश का गौरव हीरे की तरह चमका दिया है। वे देश के पहले दलित मुख्य सूचना आयुक्त बने हैं। राष्ट्रपति भवन में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त पद की शपथ दिलाई। वाईके सिन्हा का कार्यकाल तीन अक्टूबर को खत्म होने के बाद से यह पद रिक्त था। भरतपुर जिले के छोटे से गांव पहाड़ी में पैदा हुए सामरिया के अहम पद पर पहुंचने से प्रदेश भर में खुशी का माहौल है।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में हीरालाल सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त पद की शपथ दिलाई। सामरिया की मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति के बाद सूचना आयुक्त के आठ पद रिक्त हैं। आयोग में इस समय दो सूचना आयुक्त हैं। आरटीआई मामलों के सर्वोच्च अपीलीय प्राधिकरण केंद्रीय सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त और अधिकतम 10 सूचना आयुक्त हो सकते हैं।
सामरिया कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे
सामरिया फिलहाल सूचना आयुक्त के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। वे श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में सचिव के तौर पर भी काम कर चुके हैं। वे साल 1985 में तेलंगाना कैडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए। उन्होंने राज्य सरकार के साथ विभिन्न क्षेत्रों बिजली, ऊर्जा, परिवहन, नगरपालिका, सिंचाई, कल्याण आदि में काम किया। सामरिया ने वाणिज्यिक कर आयुक्त, आबकारी और आयुक्त ट्रांसपोर्ट के रूप में कार्य किया। इसके अलावा बिजली वितरण कंपनी आंध्र प्रदेश के सीएमडी और आंध्र प्रदेश ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन के सीएमडी, सिंचाई विभाग में सचिव, भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय में सचिव रहे। वो हैदराबाद में प्रमुख सचिव के पद पर सेवाएं दे चुके हैं।
जानें हीरालाल सामरिया के बारे में
हीरालाल सामरिया का जन्म 14 सितंबर 1960 को राजस्थान के भरतपुर जिले के पहाड़ी गांव में हुआ था। वो 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। सामरिया चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल के छात्र रहे। उन्होंने साल 1970 से 1977 तक यहां शिक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद साल 1982 में एमएनआईटी जयपुर राजस्थान विश्वविद्यालय से बीई (सिविल) ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की।