चंडीगढ़, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने इस साल के अंत में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने पूर्व सहयोगी दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से फिर से हाथ मिलाने का फैसला किया है.दोनों दलों के नेताओं ने गुरुवार को यह घोषणा की.दोनों दलों के बीच हुए सीटों के बंटवारे के तहत हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों में से बसपा 37 पर चुनाव लड़ेगी जबकि बाकी की सीटों पर इनेलो चुनाव लड़ेगी.
”लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए किया गठबंधन”
चंडीगढ़ के बाहरी इलाके नयागांव में बसपा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि यह गठबंधन स्वार्थी हितों पर आधारित नहीं है बल्कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है.उन्होंने कहा कि बसपा और इनेलो सोच रही हैं कि गरीबों को न्याय कैसे मिलेगा और कमजोर वर्ग कैसे सशक्त होगा.
”आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला”
चौटाला ने कहा,”हरियाणा में हमने आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला किया है.आज, आम जनता ने भाजपा को सत्ता से बेदखल करने और कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने का मन बना लिया है जिसने पहले 10 साल तक राज्य को लूटा.”
”बसपा 37 सीटों पर लड़ेगी चुनाव ”
बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने कहा कि हाल में बसपा सुप्रीमो मायावती और चौटाला ने गठबंधन के संबंध में एक लंबी बैठक की थी.उन्होंने कहा,”उस बैठक में यह तय किया गया कि हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों में से बसपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.”
फरवरी 2019 में बसपा ने इनेलो के साथ अपना करीब 9 माह पुराना गठबंधन तोड़ दिया था.इनेलो उस वक्त हरियाणा में मुख्य विपक्षी दल था.चौटाला परिवार में फूट के बीच यह कदम उठाया गया था.