जयपुर– हरियाली तीज का त्योहार प्रदेश भर में शनिवार को हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। तीज पर शनिवार को महिलाएं लहरिया में सज-धज कर तीज माता का पूजन कर कहानी सुनेगी। घरों में घेवर, खीर व अन्य पकवान बनाए जाएंगे।
शाम को 5 बजे सिटी पैलेस की जनानी ड्योढी से पूर्व राजपरिवार की महिलाएं तीज माता को पालकी में बिठाकर व पूजन करेंगी। इसके बाद सोलह शृंगार और कीमती आभूषणों से सजी-धजी तीज माता की सवारी निकाली जाएगी। जनानी ड्योढी से माताजी की सवारी गाजे-बाजे के साथ रवाना होकर त्रिपोलिया पहुंचेगी। जहां गजराज माताजी का स्वागत करेंगे। इसके बाद हिंद होटल की छत से देसी-विदेशी पर्यटक और शहर के नागरिक माताजी का दर्शन करेंगे और पुष्प और सिक्कों की बारिश करेंगे। माता का लवाजमा यहां से बैंड की मधुर स्वनियों के बीच रवाना होगा। लोककलाकार नृत्यगान करते माताजी को रिझाएंगे। चौगान स्टेडियम में मेला भरेगा.
हरियाली तीज का त्योहार प्रदेश भर में शनिवार को हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। सिंजारा शुक्रवार का मनाया गया। दिनभर घेवर की दुकानों पर भीड़ लगी रही। लोगों ने जमकर खरीदारी की। वहीं विवाहिताओं और नववधुओं ने अपने हाथों पर मेहंदी रचावाई। तीज पर शनिवार को महिलाएं लहरिया में सज-धज कर तीज माता का पूजन कर कहानी सुनेगी। घरों में घेवर, खीर व अन्य पकवान बनाए जाएंगे।
महिलाएं बाग-बगीचों में झूलों पर झोटे लगाएंगी। शाम को 5 बजे सिटी पैलेस की जनानी ड्योढी से पूर्व राजपरिवार की महिलाएं तीज माता को पालकी में बिठाकर व पूजन करेंगी। इसके बाद सोलह श्रृंगार और कीमती आभूषणों से सजी-धजी तीज माता की सवारी निकाली जाएगी। जनानी ड्योढी से माताजी की सवारी गाजे-बाजे के साथ रवाना होकर त्रिपोलिया पहुंचेगी। जहां गजराज माताजी का स्वागत करेंगे। इसके बाद हिंद होटल की छत से देसी-विदेशी पर्यटक और शहर के नागरिक मातजी का दर्शन करेंगे और पुष्प और सिक्कों की बारिश करेंगे। माता का लवाजमा यहां से बैंड की मधुर स्वनियों के बीच रवाना होगा। लोककलाकार नृत्यगान करते माताजी को रिझाएंगे।.
पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं रखती हैं व्रत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है। सुहागिनों के लिए यह त्योहार बहुत ज्यादा मायने रखता है। हरियाली तीज के दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस त्योहार पर हरित वर्ण का अधिक महत्व है| महिलाएं इस दिन हरे रंग की साड़ी, हरी चूड़ियां पहनती हैं। इस बार शनिवार को हरियाली तीज है| आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि इस दिन रवि योग, सिद्ध योग और महा लक्ष्मी योग का निर्माण हो रहा है। सिंह में स्थित सूर्य के साथ बुध होने से बुधादित्य योग और कन्या राशि में चंद्रमा के साथ मंगल की युति से महालक्ष्मी योग का संयोग भी रहेगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी पार्वती की कठिन तपस्या से खुश होकर इसी तिथि पर शिवजी प्रकट हुए थे और पार्वती को पत्नी बनाने का वरदान दिया था। इस दिन व्रत रख कर पूजा करने से मनोकामना की इच्छा पूरी होती हैं | शनिवार को पूजा के लिए शुभ समय सुबह 7:36 से 9: 13 बजे तक रहेगा| इसके बाद दूसरा मुहूर्त दोपहर में अभिजित सहित 12: 03 से शाम 5: 20 बजे तक है। उल्लेखनीय है कि इसे मधुश्रवा तीज भी कहते हैं। यह सौंदर्य और प्रेम का पर्व है। इसे श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है। यह सावन मास का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। महिलाएं इस दिन का पूरे वर्ष इंतजार करती हैं। तीज का व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।