GBS Outbreak: आंध्र प्रदेश में पिछले 10 दिन में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी से पीड़ित 45 वर्षीय महिला और एक नाबालिग लड़के की मौत हो गई. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार यादव ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि कमलम्मा की मौत रविवार को गुंटूर के सरकारी जनरल अस्पताल में हुई जबकि 10 वर्षीय लड़के की 10 दिन पहले श्रीकाकुलम के एक निजी मेडिकल कॉलेज में मृत्यु हो गई.
आंध्र प्रदेश में 17 GBS मामले
यादव ने बताया, ”इस समय 17 जीबीएस मामले हैं. यह एक गैर-संचारी रोग है. जीबीएस के मामलों में अचानक वृद्धि नहीं हुई है, बल्कि यह सामान्य स्थिति है.”यादव के अनुसार, वर्ष 2024 में इस बीमारी के कुल 267 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 141 मामले वर्ष की पहली छमाही में और 126 दूसरी छमाही में सामने आए थे.
‘हर महीने सामने आते हैं 25 मामले’
मंत्री ने बताया कि औसतन हर महीने 25 मामले सामने आते हैं जिनमें से अधिकांश का इलाज सामान्य रूप से किया जा सकता है. कुछ गंभीर मामलों में इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन और आईसीयू में भर्ती करने की आवश्यकता होती है.
कब होता है GBS ?
GBS तब होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से परिधीय तंत्रिकाओं पर हमला कर देती है जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नता और झुनझुनी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं.