GST Reforms 2025 : कोलकाता। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी नवीनतम शोध रिपोर्ट में कहा कि दरों में कमी के जरिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधार से 3,700 करोड़ रुपये का न्यूनतम राजस्व नुकसान होगा। सरकार का अनुमान है कि जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने का शुद्ध राजकोषीय प्रभाव वार्षिक आधार पर 48,000 करोड़ रुपये होगा।
सरकार को होगा 3700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, विकास और उपभोग में वृद्धि को देखते हुए न्यूनतम राजस्व हानि 3,700 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसका राजकोषीय घाटे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कुछ दिन पहले हुई जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में मौजूदा चार-स्तरीय ढांचे को दो-स्तरीय ढांचे से बदल दिया गया है। इसमें 18 प्रतिशत एवं पांच प्रतिशत की मानक दर और कुछ चुनिंदा वस्तुओं तथा सेवाओं पर 40 प्रतिशत की अवगुण दर शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया कि जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने से लागत दक्षता में सार्थक सुधार के कारण बैंकिंग क्षेत्र पर काफी हद तक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे प्रभावी भारित औसत दर भी 2017 में लागू होने के समय 14.4 प्रतिशत से घटकर 9.5 प्रतिशत हो गई है।
जीएसटी लागू में वर्तमान में पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की चार दरें हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि चूंकि आवश्यक वस्तुओं (लगभग 295) की जीएसटी दर युक्तिकरण 12 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत या शून्य हो गई है, इसलिए चालू वित्त वर्ष 2025-26 में इस श्रेणी में सीपीआई मुद्रास्फीति भी 0.25 प्रतिशत से 0.30 प्रतिशत तक कम हो सकती है। इसमें कहा गया कि कुल मिलाकर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 2026-27 तक 0.65 प्रतिशत से 0.75 प्रतिशत अंकों के बीच नियंत्रित रह सकती है।