कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सड़क परिवहन निगम के उस फैसले पर 1 महीने के लिए रोक लगा दी है जिसमें केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के छात्रों को बस किराए में मिलने वाली छूट में कटौती करने और स्कूल प्रबंधन को टिकट की कीमत के 35 प्रतिशत भुगतान के लिए उत्तरदायी बनाया गया था।
केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) की ओर से स्व-वित्तपोषित कॉलेज, गैर सहायता प्राप्त स्कूल और मान्यता प्राप्त स्कूलों के संबंध में 27 फरवरी को जारी ज्ञापन के खंड-4 में कहा गया था कि टिकट किराए का 35 प्रतिशत भुगतान छात्र और 35 प्रतिशत संस्थान के प्रबंधन करेंगे और केवल 30 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी। इसके बाद CBSE स्कूलों के प्रबंधकों के याचिकाकर्ता संघ की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने KSRTC के फैसले पर 1 माह के लिए रोक लगा दी है।
याचिका में ज्ञापन के खंड-4 को रद्द करने की मांग की गई है। साथ ही KSRTC को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग रखी गई है कि जिस संस्थान में छात्र पढ़ रहे हैं, उसके आधार पर बसों में यात्रा करने वाले छात्रों से भेदभाव न किया जाए। अदालत ने केरल सरकार और KSRTC को भी नोटिस जारी किया और 9 अगस्त को होने वाली सुनवाई में याचिका में किए गए दावों पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है।