नई दिल्ली। सरकार ने सोशल मीडिया मंच एक्स, यूट्यूब और टेलीग्राम को भारत में अपने मंचों से बाल यौन शोषण संबंधी सामग्री हटाने के लिए नोटिस जारी किये हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यदि सोशल मीडिया कंपनियां त्वरित कार्रवाई नहीं करती हैं, तो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनका ‘संरक्षण’ वापस ले लिया जाएगा, जिसका अर्थ है कि इन मंचों के खिलाफ लागू होने वाले कानून एवं नियमों के तहत सीधे मुकदमा चलाया जा सकता है, भले ही सामग्री उनके द्वारा अपलोड नहीं की गई हो।
बयान में कहा गया है इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया कंपनियों एक्स, यूट्यूब और टेलीग्राम को नोटिस जारी किये हैं। इसमें उन्हें भारतीय इंटरनेट पर अपने मंचों से बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) हटाने की चेतावनी दी गई है। इन सोशल मीडिया मंचों को दिए गए नोटिस उनके मंचों पर किसी भी सीएसएएम को शीघ्र हटाने या उन तक पहुंच को अक्षम करने के महत्व पर जोर देते हैं।
इन नोटिस में भविष्य में सीएसएएम के प्रसार को रोकने के लिए सामग्री ‘मॉडरेशन एल्गोरिदम’ और रिपोर्टिंग तंत्र जैसे सक्रिय उपायों के कार्यान्वयन का भी आह्वान किया गया है।
चंद्रशेखर ने कहा हमने एक्स, यूट्यूब और टेलीग्राम को नोटिस भेजे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके मंचों पर कोई भी बाल यौन शोषण सामग्री न हो। सरकार सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत एक सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अगर वे तेजी से कार्रवाई नहीं करते हैं, तो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनका संरक्षण वापस ले लिया जाएगा और भारतीय कानून के तहत परिणाम भुगतने होंगे।
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000, सीएसएएम सहित अश्लील सामग्री के खिलाफ कानूनी ढांचा प्रदान करता है। बयान में कहा गया है कि आईटी अधिनियम की धाराएं- 66ई, 67, 67ए और 67बी अश्लील सामग्रियों के ऑनलाइन प्रसारण के लिए कड़े दंड और जुर्माने के प्रावधान करती हैं।