जयपुर। राजस्थान विवि सहित प्रदेश के राजकीय विवि एवं कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव पर शनिवार को राज्य सरकार ने रोक लगा दी। आदेश के तहत प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे।
उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव की ओर से देर रात जारी आदेशों में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों और हाईकोर्ट के आदेशों के तहत 180 दिनों के कार्य दिवस का हवाला दिया गया। इधर, निर्णय के बाद समूचे प्रदेश के विवि एवं महाविद्यालयों में छात्रों के बीच आक्रोश फूट पड़ा और राज्य सरकार के इस फैसले को दमनकारी बताया गया। मामले में छात्रसंघ अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों के लिए दावेदारी जता रहे विद्यार्थियों ने फैसले की कड़ी निंदा की और इसे लोकतंत्र में छात्रहितों पर कुठाराघात बताया।
उल्लेखनीय है कि विश्व युवा दिवस पर आयोजित ‘युवा महापंचायत’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में शांति व्यवस्था का हवाला देते हुए छात्रसंघ चुनाव न करवाने के संकेत दिए थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश में बंद पड़े छात्रसंघ चुनाव मैंने सरकार में आने के बाद ही शुरू करवाए थे, लेकिन आज इन चुनावों में प्रचार की क्या हालत हो गई है। छात्र नेताओं को देखकर लगता है कि विधायक-सांसद के चुनाव की तरह प्रचार किया जा रहा और पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है।
गहलोत का कहना, माहौल रखेंगे शांत
उन्होंने मौजूद युवाओं से कहा कि आखिर इतना पैसा इन लोगों के पास कहां से आता है? गहलोत ने कहा कि चुनावों के लिए लिंगदोह कमेटी बनाई गई थी, लेकिन कहीं भी उसकी पालना नहीं हो रही है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी आ रहे हैं और बीते दिनों जोधुपर में एबीवीपी के 2 छात्र नेताओं ने कॉलेज कैंपस में ही नाबालिग का रेप कर दिया और वो चुनाव प्रचार में ही आए हुए थे। गहलोत ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि प्रदेश में माहौल शांत रखा जाए।
सीएमओ में दो महीने से फाइल अटकी
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो छात्रसंघ चुनावों की फाइल जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी गई थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने समय रहते इस पर निर्णय नहीं लिया। इधर, इसकी दूसरी वजह भी चर्चा में है। इसके तहत आतंरिक रिपोर्ट में अधिकांश विवि एवं कॉलेजों में युवा शक्ति के बीच सचिन पायलट का दबदबा सामने आया है, ऐसे में आगामी चुनावों को देखते हुए राज्य सरकार के इस फैसले को चुनावी बताया जा रहा है।
वर्ष 2004 से 2009 तक नहीं हुए थे छात्रसंघ चुनाव
वर्ष 2004 से 2009 तक छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाये गए थे। वर्ष 2010 से छात्रसंघ चुनाव सुचारू हुए, लेकिन कोविड काल के दौरान भी वर्ष 2020 एवं 2021 में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाये गए थे। इसी को दृष्टिगत मानते हुए राज्य सरकार ने मौजूदा वर्ष 2023-24 में भी छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने का फैसला लिया।