पेरिस, ताइवान की लिन यू-टिंग ने पूरे पेरिस ओलंपिक मुक्केबाजी टूर्नामेंट के दौरान संयमित और शांत रहने की लड़ाई लड़ी और इन खेलों का अंत स्वर्ण पदक के साथ किया.वह तब भी संयमित रहीं जब ऐसा लग रहा था कि दुनिया के अधिकांश लोग उन्हें बदनाम कर रहे हैं, उन्हें गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं और उनके अस्तित्व की प्रकृति पर ही सवाल उठा रहे हैं.
ताइवान का राष्ट्रगान सुन भावुक हुईं लिन यू-टिंग
यू-टिंग ने फाइनल में पोलैंड की जूलिया सेरेमेटा को 5-0 से हराकर अपने देश के लिए पहला ओलंपिक मुक्केबाजी स्वर्ण पदक जीता.इस फ्लाईवेट मुक्केबाज ने अपना सोशल मीडिया बंद कर दिया, अपनी ट्रेनिंग जारी रखी और एक के बाद एक शानदार जीत हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया.लेकिन जब उन्होंने पोडियम पर अपने गले में स्वर्ण पदक के साथ खड़े होकर ताइवान का राष्ट्रगान सुना तो यू-टिंग भावुक हो गईं.
मेडल जीतने के बाद कही ये बात
मेडल जीतने के बाद उन्होंने कहा, ‘5-0 से जीतना भले ही आसान लग रहा हो, लेकिन यह अनगिनत घंटों के अभ्यास और कड़ी मेहनत का नतीजा है.मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया है और मेरी टीम और ताइवान में सभी का धन्यवाद.उन्होंने मुझे यह ताकत दी.’यू-टिंग ने शनिवार रात अपने भार वर्ग में वर्चस्व स्थापित किया.एक दिन पहले इमान खेलीफ के बाद उन्होंने भी रिंग के अंदर और दुनिया भर में उनके नारीत्व के बारे में गलत धारणाओं का शानदार जवाब दिया.