नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर लोगों की कड़ी मेहनत और उद्यमशीलता को बताती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सुधारों को आगे बढ़ाना जारी रखेगी। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में अच्छी वृद्धि के दम पर भारत की आर्थिक वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत रही है जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "2025-26 के Q2 में 8.2% GDP ग्रोथ बहुत अच्छी बात है। यह हमारी विकास को बढ़ावा देने वाली नीतियों और सुधारों का असर दिखाता है। यह हमारे लोगों की कड़ी मेहनत और हिम्मत को भी दिखाता है। हमारी सरकार सुधारों को आगे बढ़ाती रहेगी और हर नागरिक के… pic.twitter.com/vVI073pzyQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर बहुत उत्साहजनक है। यह हमारी वृद्धि-समर्थक नीतियों और सुधारों के प्रभाव को बताती है। यह हमारे लोगों की कड़ी मेहनत और उद्यमशीलता को भी दर्शाती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार सुधारों को आगे बढ़ाती रहेगी और प्रत्येक नागरिक के लिए जीवन को आसान बनाने के लिए काम करती रहेगी।
‘उच्च आर्थिक विकास की दर टिकाऊ नहीं’
आर्थिक विकास दर के ताजा आंकड़े जारी होने के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि अर्थव्यवस्था की स्थिति निराशाजनक बनी हुई है तथा उच्च आर्थिक विकास की दर टिकाऊ नहीं है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी की अपनी वार्षिक समीक्षा में देश के सकल घरेलू उत्पाद और सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) सहित महत्वपूर्ण आंकड़ों को ‘सी’ ग्रेड दिया है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, यह विडंबना है कि विकास दर के तिमाही आंकड़े उस वक्त जारी किए गए जब आईएमएफ की रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के वार्षिक मूल्यांकन में भारत के राष्ट्रीय खातों के आंकड़ों को ‘सी’ श्रेणी में रखा है जो दूसरी सबसे निचली श्रेणी में हैं।’’ उनका कहना है, ‘‘आंकड़ों की स्थिति निराशाजनक बनी हुई है। सकल स्थिर पूंजी निर्माण में कोई वृद्धि नहीं हुई है। निजी निवेश में किसी भी नई गति के अभाव में उच्च जीडीपी विकास दर टिकाऊ नहीं है। यह स्पष्ट रूप से साक्ष्य में नहीं है।




