नई दिल्ली। 11 सितम्बर को G20 के शिखर सम्मेलन का समापन हुआ. लेकिन कनाड़ा के पीएम सम्मेलन खत्म होने के बाद भी 2 दिनों तक यहीं रुके हुए थे. दरअसल जिस विमान से उनको जाना था. उस विमान में कुछ खराबी आ गई थी. इस कारण वो कनाड़ा नहीं जा सके. लेकिन जैसे ही कनाड़ा के पीएम स्वदेश पहुंचे. तो कनाडा ने भारत के साथ चल रहे ट्रेड मिशन पर रोक लगा दी.
शुक्रवार को कनाडा के वाणिज्य मंत्री मैरी एनजी के प्रवक्ता ने बताया कि कनाडा ने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत रोक दी है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा में चल रहे सिख अलगाववादियों के ‘आंदोलन’ और भारतीय राजनयिकों के ख़िलाफ़ हिंसा को उकसाने वाली घटनाओं से नाराज़ थे. जबकि कनाड़ा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपेन एक बयान में कहा था कि भारत कनाडा की घरेलू राजनीति में दख़लअंदाजी कर रहा है. पिछले कुछ समय से कनाडा में ‘ख़ालिस्तान’ समर्थक संगठनों की गतिविधियों की वजह से कनाड़ा के साथ भारत के रिश्तों में तनाव देखने को मिल रहा हैं.
इस तस्वीर से जाहिर हुआ तनाव
जुलाई 2023 में कनाडा में ‘ख़ालिस्तान’ समर्थक संगठनों ने कुछ भारतीय राजनयिकों के पोस्टर लगाते हुए निशाना साधा. इसके बाद भारत ने कनाडा के राजदूत को बुला कर उनके देश में ‘ख़ालिस्तान’ समर्थक गतिविधियों पर कड़ी आपत्ति जताई थी. इसके ठीक तुरंत बाद जून 2023 में ‘ख़ालिस्तानी’ नेता हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में सरेबाज़ार हत्या कर दी गई थी. जिससे सिख अलगाववादियों और भारत सरकार के बीच तनाव बढ़ गया था. ख़ालिस्तान समर्थकों ने निज्जर की हत्या के ख़िलाफ़ कनाडा के टोरंटो के अलावा लंदन, मेलबर्न और सैन फ्रांसिस्को समेत कई शहरों में प्रदर्शन किए. जी-20 सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में जिस दिन ट्रूडो और मोदी के बीच हुई मुलाकात में यह तनाव देखने को मिला. भारत और कनाडा के रिश्तों में कड़वाहट तब और बढ़ गई जब जी-20 सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख अलगाववादियों की गतिविधियों पर खुल कर नाराज़गी जताई . दरअसल G20 सम्मेलन के दौरान अभिवादन के दौरान ट्रूडो नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाते हुए उस जगह से तेज़ी से निकलते हुए दिखे. इस तस्वीर को दोनों देशों के रिश्तों के बीच ‘तनाव’ के तौर पर देखा गया.
भारत और कनाड़ा के बीच व्यापार की एक झलक
वर्ष 2022 में भारत कनाडा का दसवां बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर रहा है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत ने कनाडा को 4.10 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया था. जबकि 2021-22 में यह आंकड़ा 3.76 अरब डॉलर का था. इसके ठीक विपरीत वहीं कनाडा ने भारत को 2022-23 में 4.05 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया. 2021-22 में ये आंकड़ा 3.13 अरब डॉलर का था.
जहां तक सर्विस ट्रेड की बात है तो कनाडाई पेंशन फंडों ने भारत में 55 अरब डॉलर का निवेश किया है. कनाडा ने 2000 से लेकर अब तक भारत में 4.07 अरब डॉलर का सीधे निवेश किया है. भारत में कम से कम 600 कनाडाई कंपनियां काम कर रही हैं. जबकि 1000 और कंपनियां यहां अपना कारोबारी अवसर तलाश रही हैं. भारत की ओर से कनाडा को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख आइटमों में आभूषण, बेशकीमती पत्थर, फार्मा प्रोडक्ट, रेडिमेड गारमेंट, ऑर्गेनिक केमिकल्स, लाइट इंजीनियरिंग सामान, आयरन एंड स्टील प्रोडक्ट शामिल हैं. जबकि भारत कनाडा से दालें, न्यूज़प्रिंट, वुड पल्प, एस्बेस्टस, पोटाश, आयरन स्क्रैप, खनिज, इंडस्ट्रियल केमिकल मंगाता है.