जयपुर। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप दोहराते हुए उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग करने वाले भारतीय जनता पार्टी के विधायक एवं राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को ‘अनुशासनहीनता’ के आरोप में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। पार्टी के एक पदाधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
भाजपा की प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने बताया भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने शाहपुरा से हमारे विधायक कैलाश मेघवाल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करने का आदेश दिया है। लखावत ने कहा कि कैलाश को अनुशासन भंग करने के लिये कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और इन्हीं आरोपों में उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि कैलाश मेघवाल के इस पूरे प्रकरण को पार्टी की प्रदेश अनुशासन समिति को आगे की कार्रवाई के लिए भेजा गया है।
प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके कैलाश मेघवाल को उनके संवाददाता सम्मेलन करने के कुछ देर बाद ही भाजपा ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठतम विधायकों में शुमार कैलाश मेघवाल ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्रीय मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद पार्टी की ओर से उन्हें ‘अनुशासनात्मक कार्रवाई’ का नोटिस जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि इसका जवाब उन्होंने 12 सितंबर को प्रदेश (भाजपा) अध्यक्ष को भेज दिया है, इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री पर सात आरोप लगाए हैं। कैलाश मेघवाल ने कहा मैंने प्रधानमंत्री जी को लिखा है कि न्यायालय में विचाराधीन मुकदमों का फैसला नहीं हो जाता तब तक उनको (अर्जुनराम मेघवाल को) मंत्री पद से हटाया जाए। मैं उम्मीद करता हूं कि प्रधानमंत्री जी सही निर्णय लेंगे।’
उन्होंने कहा मैं निर्वाचन आयोग को इस बारे में लिखूंगा कि उनकी लोकसभा सदस्यता खारिज की जाए और खारिज करने के पर्याप्त आधार हैं। अदालत के कई निर्णय हैं इस तरह के… मैं लिखूंगा और इनके ऊपर (2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में) झूठा हलफनामा देने का आरोप है… मैं लगा रहा हूं …उस पर भी कार्रवाई की जाए। मैंने प्रधानमंत्री से यह उम्मीद की है। मैंने विस्तार से प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
शाहपुरा (भीलवाड़ा) से विधायक कैलाश मेघवाल ने मंत्री मेघवाल को भ्रष्ट नंबर एक बताते हुए 28 अगस्त को कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्हें मंत्रिपरिषद से हटाने की मांग करेंगे। एक सवाल के जवाब में कैलाश ने कहा यह चुनावी स्टंट नहीं है। जब इनको कानून मंत्री बनाया गया तब मैं चेता और चेतने का एक कारण और था कि एक भ्रष्ट व्यक्ति कानून मंत्री बने यह देश के लिए उचित नहीं है। इसलिए मैंने इनके खिलाफ सामग्री एकत्रित करना शुरू कर दिया।
उल्लेखनीय है कि राजनीति में आने से पहले अर्जुनराम सरकारी सेवा में रहे हैं। उन्होंने चूरू के जिला कलेक्टर सहित अनेक पदों पर काम किया। कैलाश मेघवाल के अनुसार इनकी (अर्जुन राम) आदत भ्रष्टाचार करने की थी। जब ये जिला कलेक्टर थे तो इन्होंने फौजी वीरांगनाओं के लिए आरक्षित जमीन को गैर पात्र लोगों को आवंटित कर दिया। इस पर शिकायत की गई और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा प्राथमिक जांच में दोषी पाए गए लोगों में तत्कालीन जिला कलेक्टर (चुरू) अर्जुनराम मेघवाल का भी नाम था।
कैलाश मेघवाल ने कहा 2 बार जांच हुई। दबाव में अंतिम रिपोर्ट (एफआर) पेश की। सत्र अदालत के न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि इस केस में दबाव बनाया जा रहा है। यह मामला अदालत में विचाराधीन है। पार्टी में अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा मैं कभी इस पार्टी में हीरो था और आज मैं जीरो हूं। 4 परिवर्तन यात्राओं में कहीं एक भी जगह आप मुझे देख रहे हो। इसका एक ही कारण है कि अर्जुनराम मेघवाल जी को ज्यादा प्रोत्साहन दे रहे हैं और उन्हें भाजपा में अनुसूचित जाति के नेता के रूप में आगे ला रहे हैं। उन्होंने कहा मुझे एक बात का अफसोस है कि मेरी पार्टी के लोग महिमामंडन करने के लिए अर्जुन राम की तुलना डॉ आंबेडकर से कर रहे हैं। उन्होंने कहा मैं राजनीति में सक्रिय रहूंगा, छोडूंगा नहीं।