Wednesday, July 3, 2024
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पेपर लीक मामले में आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल गिरफ्तार

जयपुर। जल-जीवन मिशन, योजना भवन में चल रहे ईडी के गहन अनुसंधान के दौरान शुक्रवार को पेपर लीक मामले में ईडी की एन्ट्री से हडकंप मच गया। पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और दलाल शेर सिंह मीणा उर्फ अनिल मीणा को जयपुर से गिरफ्तार किया। ईडी ने दोनों को कोर्ट मे पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया है।

बता दें कि राजस्थान में पेपर लीक मामले में आरोपी आरपीएससी पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा के खिलाफ एसीबी उदयपुर ने भी मुकदमा दर्ज किया है। बाबूलाल के पास आय 2 करोड़ रुपए से ज्यादा संपति निकली थी। एसीबी में मामला दर्ज होने के बाद ईडी बाबूलाल के पीछे थी। इससे पहले भी ईडी ने जयपुर सेंट्रल जेल में जाकर बाबूलाल से पूछताछ की थी।  गौरतलब है कि कटारा को पेपर लीक मामले में एसीबी ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कुछ समय पहले ही वह जमानत पर जेल से बाहर आए था।

अध्यक्ष से पूछे गए थे सवाल

ईडी ने आरपीएससी अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय से भी इस संबंध में पूछताछ की थी। उनसे सवाल किए गए कि आखिर किस प्रकार से पेपर लीक हुए? पेपर लीक होने के क्या कारण रहे? पेपर सेट करना किन-किन लोगों की जिम्मेदारी में तय होता था? इसके बाद ईडी ने जेल में बाबूलाल कटारा और अनिल मीणा सहित पूर्व में गिरफ्तार किए गए कई आरोपियों से पूछताछ की। ईडी को कटारा के खिलाफ कई सबूत मिले थे।

बस में पकड़े गए थे अभ्यर्थी

उल्लेखनीय है कि उदयपुर पुलिस ने गत 24 दिसंबर को बेकरिया (उदयपुर) थाने के बाहर 49 अभ्यर्थियों से भरी बस को पकड़ा था। ये सभी चलती बस में आरपीएससी की सेकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का जीके का लीक पेपर सॉल्व कर रहे थे। उदयपुर पुलिस ने मामले में 2 मुकदमे दर्ज किए थे और इसमें 50 से ज्यादा गिरफ्तारियां की गई थीं। इस मामले में बाबूलाल कटारा भी आरोपी बने। पुलिस की सूचना पर आरपीएससी ने पेपर को रद्द कर दिया था।

तृतीय श्रेणी शिक्षक थे बाबूलाल

बाबूलाल कटारा थर्ड ग्रेड टीचर थे। इसके बाद लगातार कई पदों पर रहे और फिर टीआरआई पद से सेवानिवृत्त हुए। फिर तीन साल पहले आरपीएससी सदस्य बने। इसी साल पद से हटाए गए। एसीबी सूत्रों ने बताया था कि आय-व्यय का ब्योरा देखा गया तो सामने आया कि वर्ष 1987 से 2023 तक करीब 3 करोड़ 40 लाख 92 हजार रुपए के करीब आय प्राप्त हुई। इसी अवधि में 3.79 करोड़ रुपए की संपत्तियां बनाई। 1 करोड़ 70 लाख रुपए का व्यय किया, यह टोटल राशि साढ़े 5 करोड़ रुपए के करीब होती है। 3 करोड़ 40 लाख रुपए के करीब व्यय करने के बाद 2.08 करोड़ रुपए के करीब अधिक संपत्ति है। संपत्तियों की बात करें तो बेटे और पत्नी के नाम से संपत्ति है।

लॉकर से जब्त किया 5 किलो सोना

ईडी ने शुक्रवार को संचार प्रौद्योगिकी विभाग के डीओआईटी विभाग के एक अधिकारी के बैंक लॉकर से पांच किलो सामना बरामद किया है। इस सोने की कीमत करीब तीन करोड़ रुपए बताई जा रही है। मामले को लेकर ईडी ने हरवीर नाम के अधिकारी को भी हिरासत में लिया है। प्रारंभिक तौर पर मामला कमिशन खोरी से जुड़ा होना सामने आ रहा है।

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